काशी विद्यापीठ में छात्रों ने कुलपति को बनाया बंधक

पौने दो घंटे बाद खोला ताला, बोले- चीफ प्रॉक्टर सुरक्षा व्यवस्था करें या इस्तीफा दें
बोले छात्र : लगातार सुरक्षा के मांग के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की सुरक्षा करने में नाकाम
वाराणसी (रणभेरी): महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में छात्रों ने कुलपति को बंधक बना लिया है। करीब पौने दो घंटे तक ऑफिस के चैनल गेट पर ताला लगाकर बाहर बैठे रहे। चीफ प्रॉक्टर और सिगरा एसओ के समझाने के बाद छात्रों ने ताला खोला। छात्रों का कहना है कि- चीफ प्रॉक्टर सुरक्षा व्यवस्था करें या फिर इस्तीफा दें। 11 मार्च को हुई घटना को लेकर कार्रवाई न होने से छात्र नाराज हैं। छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक से कुलपति आवास की दीवार के पास से बनी अवैध दुकानों को हटवाया जाए। छात्र सुबह 11 बजे से विश्वविद्यालय कैंपस में गांधी स्मृति स्थल पर धरना दे रहे थे। यहां चीफ प्रॉक्टर से बहस के बाद छात्र 11 बजकर 30 मिनट पर उठकर कुलपति कार्यालय की तरफ चल दिए। यहां कुछ देर बैठकर प्रदर्शन किया। फिर 11 बजकर 44 मिनट पर कुलपति कार्यालय के मेन चैनल गेट में ताला लगा दिया। 1 बजकर 28 मिनट पर छात्र शांत हुए और ताला खोल दिया गया। खबर लिखे जाने तक वार्ता के लिए कुलपति के पास कुछ छात्रों का डेलीगेशन मिलने जा सकता है। इसको लेकर बातचीत चल रही है।
छात्र शिवम तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय हम लोगों की सुरक्षा नहीं दे पा रहा है जबकि लगातार हम लोग अपनी सुरक्षा की मांग करते आ रहे हैं। 8 महीने पहले जब फूल मंडी में विवाद हुआ था तो फूल मंडी के फूल विक्रेता आए और हमलोगों के गार्ड को मारे-पीटे और गेट भी तोड़ दिया। उनका हम लोग विरोध कर रहे थे उसके बावजूद भी हम लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज हो गया। विश्वविद्यालय की दुर्व्यवस्था है कि बाहरी लोग कैसे विश्वविद्यालय में प्रवेश कर ले रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्रैक्टोरियल बोर्ड है, विश्वविद्यालय के गार्ड हैं। विश्वविद्यालय की अपनी एक व्यवस्था है और विश्वविद्यालय हर साल करोड़ों रुपया सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर खर्च करता है। विश्वविद्यालय ने एक एजेंसी को सुरक्षा देने के लिए हायर किया था उसके बावजूद भी विश्वविद्यालय में बाहरी तत्व कैसे आ रहे हैं। विश्वविद्यालय का प्रैक्टोरियल बोर्ड और विश्वविद्यालय की सुरक्षा देने में छात्रों को असमर्थ है। हम सभी छात्रों की मुख्य मांग है कि सभी छात्रों को सुरक्षा दी जाए और जो बाहरी लोग आ रहे हैं उनको विश्वविद्यालय में आने ना दिया जाए ताकि कोई घटना घटने से पहले ही रुक जाए।
वही छात्र नेता अंशु मिश्रा ने कहा कि कुलपति आनंद कुमार त्यागी को हम लोगों ने इसलिए बंधक बनाया है कि कुछ दिन पहले हमारे कैंपस में छात्र-छात्राएं होली मना रहीं थीं। इस दौरान कुछ अराजक तत्व कालेज में घुस आए। अभद्रता और गाली-गलौज की। जब हम लोगों ने विरोध किया तो उन्होंने पथराव कर दिया। विश्वविद्यालय के बगल में स्थित बस्ती के लोगों ने हम पर पथराव किया और जान से मरने की धमकी दी। हमने इसकी शिकायत कुलपति और चीफ प्रॉक्टर से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए आज हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। हम लोगों की मांग नहीं पूरी होगी और जब तक दुकानों को हटाया नहीं जाएगा तब तक हम लोग प्रदर्शन करते रहेंगे।
यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे
छात्र नेता आशुतोष तिवारी ने बताया विश्वविद्यालय में सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। यहां हॉस्टल में छात्र-छात्राएं रहते हैं। सभी के साथ बाहरी लोग आकर अराजकता करके चले जाते हैं। कुछ नहीं होता। सिक्योरिटी के नाम पर 3 करोड़ का टेंडर होता है। कोई सुरक्षा नहीं दी जाती है। विश्वविद्यालय प्रशासन आज हमारा ट्रेलर देख रहा है। यदि हमारी मांगें नहीं पूरी हुई तो हम लोग आंदोलन करेंगे। जब चीफ प्रॉक्टर विश्वविद्यालय की सुरक्षा ही नहीं कर पा रहे हैं। तो प्रॉक्टर की कुर्सी पर बैठेने का क्या मतलब है। इस देश का प्रधानमंत्री जब देश नहीं चला पाता तो इस्तीफा देता है। जब प्रॉक्टर सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें।
दुकान हटवाने के लिए लिखा गया है पत्र
चीफ प्रॉक्टर केके सिंह ने कहा कि छात्रों की मांग कई समस्याओं को लेकर है। होली समारोह में बाहरी तत्व छात्रों के बीच घुस गए थे, इसमें मारपीट हुई। जिसमे हमारे छात्रों को चोट लगी थी। हमने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। जिसमें पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। छात्रों की मांग को लेकर है पुलिस और नगर निगम को सूचित किया गया है। प्रशासन इसमें कार्रवाई कर रहा है लेकिन छात्र तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मांग की सुनवाई की गई है, जल्द ही इसका निस्तारण किया जाएगा।