20 मौत के बाद नेपाल में सोशल मीडिया फिर शुरू, गृह मंत्री ने दिया इस्तीफा

कैबिनेट की बैठक में फैसला, बैन-भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ था आंदोलन
(रणभेरी): नेपाल सरकार ने युवाओं के भारी विरोध के बाद सोमवार देर रात सोशल मीडिया से बैन हटा लिया है। कैबिनेट बैठक के बाद संचार मंत्री पृथ्वी गुरुंग ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों की बात मान ली हैं, हमने सोशल मीडिया ओपन कर दिया है, युवा अब विरोध बंद कर दें। इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से रोक हटाने से इनकार कर दिया था। इस प्रदर्शन की अगुआई जेन-ज़ेड यानी 18 से 28 साल के युवाओं ने की थी। कल इस विरोध-प्रदर्शन में 20 लोग मारे गए थे, जबकि 400 से ज्यादा घायल हुए थे। यूएन मानवाधिकार ऑफिस ने भी इस हिंसा पर दुख जाहिर की है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
नेपाल के राष्ट्रीय ट्रॉमा सेंटर में भर्ती आठ मृतकों में से पांच की पहचान हो पाई है। इनमें ग्लोबल कॉलेज के 19 वर्षीय छात्र श्रीयम चौलागैन, बांके के सुलभ राज श्रेष्ठ, कीर्तिपुर (काठमांडू) के बुद्धि तमांग, बनस्थली (काठमांडू) के स्टॉप अधिकारी और गौरव जोशी शामिल हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बद्री रिजाल ने बताया कि शेष मृतकों की पहचान अभी बाकी है। ट्रॉमा सेंटर में ही 56 घायल लोगों का इलाज चल रहा है। सोमवार को हुए जेन-ज़ेड विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में जान गंवाने वालों की संख्या 20 हो गई है, जबकि 421 लोग घायल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान कई लोगों ने दम तोड़ा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सिविल अस्पताल में तीन, ट्रॉमा सेंटर में आठ, एवरेस्ट अस्पताल में तीन, केएमसी में दो, त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में एक और धरान स्थित बीपी कोइराला स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान में दो लोगों की मौत हुई। सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया है कि जेन-जेड प्रदर्शनों में घायल सभी लोगों का इलाज निःशुल्क कराया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय को आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
नेपाल सरकार ने राजधानी काठमांडू में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यह कर्फ्यू 8 सितंबर सुबह 8:30 बजे से लागू हो गया है और अगली सूचना तक प्रभावी रहेगा। आदेश में कहा गया है कि काठमांडू महानगरपालिका के भीतर किसी भी प्रकार की आवाजाही, सभा, जुलूस, प्रदर्शन, घेराव और सार्वजनिक बैठक पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, आदेश में साफ किया गया है कि कर्फ्यू अवधि में एम्बुलेंस, दमकल, शव वाहन, स्वास्थ्यकर्मी, पत्रकार, पर्यटक वाहन, मानवाधिकार संगठनों और राजनयिक वाहनों की आवाजाही पर रोक नहीं होगी। इसके अलावा हवाई टिकट दिखाने वाले यात्रियों को भी हवाई अड्डे तक जाने की अनुमति दी जाएगी।
नेपाल के निजी स्कूलों से जुड़े संगठनों ने जेन-जेड प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और छात्रों की मौत पर गहरा दुख जताते हुए 8 और 9 सितंबर को दो दिन का शोक अवकाश घोषित किया है। संगठनों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि विरोध प्रदर्शनों में कई छात्रों और युवाओं ने अपनी जान गंवाई है, जबकि सैकड़ों लोग घायल होकर अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। यह घटना पूरे शैक्षिक जगत और नेपाली समाज के लिए बेहद दुखद है। बयान में दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई है। संगठनों ने कहा कि इस कठिन समय में छात्रों और समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए शोक अवकाश रखा जाएगा।