तो... कैंट पुलिस को है मुकदमा दर्ज करने से परहेज!

तो... कैंट पुलिस को है मुकदमा दर्ज करने से परहेज!

वाराणसी (रणभेरी सं.)। पुलिस कमिश्नर के आम जनता को न्याय मिले के तमाम प्रयासों को शिवपुर पुलिस पलीता लगा रही है। पीड़ित न्याय के लिए दर दर भटकते लेकिन स्थानीय पुलिस मुकदमा तक दर्ज नहीं करती है। पीड़ित जब किसी उच्चाधिकारी या फिर न्यायालय में जाकर न्याय की गुहार लगाता तब न्यायालय या उच्चाधिकारी के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया जाता है। ऐसा लगता है जैसे कैंट पुलिस को मुकदमा दर्ज करने से परहेज है ! ताजा मामला स्थानीय थाना क्षेत्र का है जहां एक वृद्ध महिला को शिवपुर पुलिस टरका रही है। दरअसल उसके बेटे ने उसे घर से निकाल दिया है। थक हारकर पीड़िता ने उच्चाधिकारी और न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है। 

जानकारी के मुताबिक, गिलट बाजार वार्ड सिकरौल, थाना कैंट निवासिनी  नरगिस बेगम, पत्नी कमालुद्दीन वर्तमान में बीएलडब्ल्यू मण्डुवाडीह में रह रही है। उसके दो लड़के हैं अरशद कमाल और मो. अमजद कमाल। नरगिस के अनुसार अमजद कमाल और उसकी बीवी उमैरा काफी चालाक हैं। उसने नरगिस को बहला फुसलाकर दोनों मकान नम्बर एस 2/346 ए रकबा 1146 वर्गफीट मौजा सिकरौल वार्ड सिकरौल परगना शिवपुर थाना कैण्ट अपने नाम से दान कराना चाहते थे। नरगिस के अनुसार उसने अपने दूसरे बेटे अरशद कमाल को भी दान में शामिल करने की सोचकर दोनो लड़को को दानपत्र लिखने का फैसला किया। अरशद कमाल इस वक्त नरगिस व उसकी कुंवारी लड़की जेबा का भरण पोषण कर रहे थे। नरगिस के अनुसार  अमजद ने वादा किया कि उस मकान के नीचे जो दुकाने है वह अरशद को दे देगा जिससे वह पीड़िता और उसकी कुंवारी पुत्री जेवा का पालन पोषण करेगा। नरगिस का आरोप है की दानपत्र लिखाने के बाद अमजद और उसकी पत्नी उमैरा पीड़िता नरगिस को मारने पीटने लगे और खर्च देने के लिये परेशान करने लगे। तंग आकर बूढ़ी मां ने दानपत्र निरस्त करने का फैसला लिया। आरोप है कि जब दानपत्र कैंसिल करने की बात सुनी तो अजमद कमाल और उनकी पत्नी उमैरा ने बीते साल 10 दिसंबर 2023 को बुरी तरह बूढ़ी मां को मारा मारा गला दबाकर जान लेने की कोशिश की। मारपीट में पीड़िता और उसकी बेटी को काफी चोटें आई। पुलिस को सूचना देने के बाद पीड़िता ने चोट का मुआयना कबीरचौरा अस्पताल में कराया। उसके बाद पीड़िता का पुत्र अरशद कमाल ने गिलट बाजार स्थित मकान में कैमरे लगवाये ताकि पीड़िता की देखभाल वह अच्छे से कर सके।

आरोप के मुताबिक, 8 सितंबर को पीड़िता का पुत्र अरशद जो बीएलडब्लयू में रहता है अपने बच्चे का एडमिशन कराने चेन्नई गया। उसी बीच मकान में स्थित दुकान का किरायेदार गौरव तिवारी दुकान खाली करके चला गया। पीड़िता चूँकि अकेली पड़ गयी इसलिए अपने पुत्र अरशद के घर बीएलडब्लू चली गयी।
जब अरशद 17 सितंबर को वापस लौटा तो पीड़िता अपने गिलट बाजार स्थित मकान पर गई। देखा की घर पर लगे  कैमरे गायय थे। अरशद के पूछने पर कि कैमरे कहां है तो अमजद ने कहा कि हमने निकाल दिये है साथ ही गन्दी गन्दी गालियों देकर गेट में ताला लगा दिया। नरगिस के पुत्र अरशद ने इसकी सूचना को भी दिया की उमैरा घर में घुसने नहीं दे रही है। जब घर में नहीं घुसने दिया गया तो पीड़िता बीएलडब्ल्यू अरशद के घर वापस आ गयी। आरोप है कि बीते 22 सितंबर को रात्रि 9 बजे उमैरा के भाई आरिस और आदिल पपीड़िता के पुत्र अरशद के घर आये और दरवाजा खटखटाने लगे। दरवाजा खोलते ही सभी घर में घुसकर  गन्दी गन्दी गालियों देते हुए पीड़िता के पुत्र अरशद और उसकी पत्नी को मारे और धमकी दे देकर गिरा दिया। 

धमकी दिया की अगर दानपत्र कैंसिल कराया तो बलात्कार के मुकदमें में अरशद को फंसाकर जीवन खराब कर देंगे। पीड़िता ने इसकी सूचना स्थानीय थाने पर दी  परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। जब पीड़िता कैंट थाने का चक्कर लगाते लगाते थक गई तो थक हारकर पीड़िता ने न्याय के लिए उच्चाधिकारी और न्यायालय का शरण लिया है।