लोगों की आस्था से खेलवाड़ गंगा में सीवर का गिरना जारी

लोगों की आस्था से खेलवाड़ गंगा में सीवर का गिरना जारी

वाराणसी (रणभेरी)। जिला प्रशासन गांधी जी का तीन बंदर बना हुआ है। वह न तो दुर्व्यवस्था देखेंगे, ना सुनेंगे और ना ही कुछ कहेंगे। इसकी बानगी  देखने को मिली गंगा घाट पर। तुलसी घाट और आसि घाट के बीच में। रीवा घाट की सीधियो से होकर गंगा में सीधे प्रवाहित हो रहा है लेकिन जिला प्रशासन की आंखें शायद नही देख रही है। वह देखने को तैयार ही नहीं है और ना तो सुनने के लिए। एक तरफ तो वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं की मां गंगा हमको गोद ली है वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में मां गंगा में सीवर का मल-जल सीधे गंगा जा  रहा है और उनके अधिकारी आंख मूंदकर तमाशा देख रहे हैं। यह सीवर का माल जल एक-दो दिन से नहीं बढ़ रहा है बल्कि लगभग एक महीने से  गंगा जी में जा रहा है और सबसे बड़ी बातें है कि जब प्रधानमंत्री काशी में नामांकन करने आए थे उस समय भी यह सीवर का पानी गंगा  में सीधे पर जा रहा था। 
गंगा खोज रही तारणहार 
गंगा को राजा भगीरथ ने कठोर तपस्या के बाद धरती पर लाया अपने पुरखों को तारने के लिए आज इस गंगा की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है। जो गंगा  सबको तारने का काम करती थी आज वह खुद अपने लिए कोई भागीरथ खोज रही है जो उसे तार सके। 
प्रशासन को कोस रहे लोग
आज वैशाख माह का पूर्णिमा था हजारों श्रद्धालु गंगा में स्नान करके इस मल-जल से होकर अपने-अपने घरों को लौट रहे थे और साथ में प्रशासन को कोस भी रहे थे कि जब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गंगा जी का यह हाल है तो बाकी जगहों पर क्या स्थिति होगी। वही जब इस संदर्भ में गूंज उठी रणभेरी अखबार के प्रतिनिधि ने नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त से बात करना चाहा तो उनके फोन की घंटी तो जा रही थी लेकिन कोई फोन नहीं उठा।