डरा रहा डेंगू का डंक: आंकड़ा साढ़े तीन सौ के पार, कई अस्पतालों में बेड फूल
वाराणसी (रणभेरी): शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार डेंगू के मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान में 350 से अधिक लोगों के डेंगू से पीड़ित होने की पुष्टि की जा रही है। शासन व स्वास्थ्य विभाग की सख्ती व सक्रियता के बाद भी डेंगू का प्रसार थमने का नाम नहीं ले रहा है। गांव-मोहल्लों के अस्पतालों की स्थिति और ब्लड बैंकों में प्लेटलेट डिमांड पर गौर करें तो यह संख्या हजार तक जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित 110 सर्विलांस टीमों की ओर से साढ़े छह हजार से ज्यादा घरों का सर्वे किया गया। जलजमाव वाले 1200 स्थलों को साफ कराया गया। साथ ही 110 लोगों के रक्त के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया।
साथ ही लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी। डेंगू पीड़ितों की बढ़ती संख्या के कारण मंडलीय व दीनदयाल अस्पताल में आरक्षित बेड फुल हो गए हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। गांव से लेकर शहर तक की सीएचसी-पीएची व बड़े सरकारी चिकित्सालय में 130 बेड बढ़ाए गए। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासनिक विभाग द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। शहरी क्षेत्र में लगातार फागिंग कराया जा रहा है। इसके साथ ही ब्लीचिंग का भी छिड़काव कराया जा रहा है। जिससे मच्छरों का प्रकोप पूरी तरह से घट सके एवं लोग सुरक्षित रह सके। हालांकि डॉक्टरों ने लोगों को पूरी तरह से सतर्क रहने की भी बात कही है।
- केंद्रों पर जांच सुविधा नहीं
डेंगू संक्रमण पर नियंत्रण के लिए विभाग स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी सुविधाओं का दावा तो कर रहा है, लेकिन यहां व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। भर्ती से लेकर जांच, इलाज के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, जिले में स्वास्थ्य केंद्रों पर प्लेटलेट जांच की सुविधा नहीं है, जबकि कुछ केंद्रों पर भर्ती की सुविधा भी नहीं है। सीएचसी चोलापुर मे 9 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है जो इस समय फुल है। प्लेटलेट्स जांच मशीन खराब होने से यहां जांच ठप है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरबी यादव का कहना है कि मशीन बनने की प्रक्रिया में है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर के तहत आने वाले गांव में भी फागिंग नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।
- फीवर हेल्प डेस्क नहीं
चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फीवर हेल्प डेस्क भी नहीं बना है जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके। सीएचसी नरपतपुर में छह बेड का डेंगू वार्ड बना दिया गया है, लेकिन पीएचसी चिरईगांव में अब तक डेंगू वार्ड न बनने की वजह से मरीजों को मजबूरन सीएचसी नरपतपुर सहित अन्य केंद्रों पर जाना पड़ रहा है। केंद्र प्रभारी राजनाथ सिंह ने बताया कि बीते एक सप्ताह में 15 से अधिक डेंगू के मरीज भर्ती किए जा चुके हैं।
- इन दो अस्पतालों में भेजा जाए सैम्पल
जिले में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए और स्वास्थ्य विभाग ने जांच पर विशेष जोर दिया है। इसके लिए निजी अस्पतालों से दीनदयाल अस्पताल और बीएचयू स्थित लैब में ही जांच का सैंपल भेजने की सलाह दी है। सीएमओ ने सभी निजी अस्पतालों से एनएस-1 पॉजिटिव मरीजों की एलाइजा पुष्टि के लिए भी इन्हीं दोनों (बीएचयू, दीनदयाल अस्पताल प्रयोगशाला) अस्पताल में सैंपल भेजने का निर्देश दिया है। साथी पॉजिटिव मरीजों की फोन नंबर सहित सभी डाटा सीएमओ कार्यालय को भी देने को कहा है।