फिरौती न मिलने पर कर दी साड़ी कारोबारी की हत्या,शव की तलाश में पुलिस
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के भेलूपुर निवासी साड़ी कारोबारी महमूद आलम के अपहरण का मामला हत्या में बदल गया। फिरौती के लिए अपहृत महमूद आलम (50) की गला दबाकर हत्या कर दी गई, फिर शव को मिर्जापुर के चुनार ले जाकर पुल से गंगा में फेंक दिया गया। पुलिस ने CCTV फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर 5 आरोपियों को अरेस्ट किया है। इसमें एक महिला भी शामिल है। उसके साथ इस घटना में उसका पति, ससुर, देवर और मऊ के घोसी का एक साथी भी था। इन आरोपियों ने बीमा पॉलिसी दिलाने के नाम पर जाल में पहले महमूद को फंसाया। रविवार को व्यापारी के ATM से 2 लाख रुपए निकलवा लिए थे। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उन्होंने एक प्राइवेट बैंक का एजेंट बनकर कारोबारी को BHU के विश्वनाथ मंदिर से किडनैप किया था। उनकी 20 लाख रुपए फिरौती वसूलने की प्लानिंग थी।
पैसा न मिलने पर उन्होंने चुनार के पुल पर पहले महमूद का गला दुपट्टे और डाटा केबल से कसकर मार डाला। फिर शव को पुल से गंगा में फेंक दिया। आरोपियों के पास से 1 लाख 37 हजार रुपए, XUV कार, कीमती घड़ी, पासपोर्ट, ICICI बैंक के डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, ब्लैंक चेक और डेटा केबल सहित हत्या में उपयोग किया गया दुपट्टा पुलिस ने बरामद किया है। दरअसल, 14 जनवरी से साड़ी कारोबारी महमूद BHU से अचानक लापता हो गए थे। उनके बेटे ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। फिलहाल, अभी तक पुलिस को कारोबारी की लाश नहीं मिली है।
सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेजा गया है।
वाराणसी के एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि एक आरोपी प्रवीण पहले शाइन सिटी से जुड़ा था। मगर, कंपनी के भागने के बाद चौक में साड़ी का काम करने लगा। पुलिस ने बताया कि 4 आरोपी एक ही परिवार के हैं। वहीं प्रवीण और अनिरुद्ध दोस्त हैं। प्रवीण जब नौकरी छोड़ कर चौक पर एक साड़ी की दुकान में काम करने लगा, तो महमूद आलम से उसकी दोस्ती हो गई। उसने अमीर समझकर महमूद की किडनैपिंग का प्लान बनाया। उसने अनिरुद्ध को अपने साथ मिलाया। इसके बाद अनिरुद्ध की पत्नी अंजलि, पिता और छोटा भाई भी साथ आ गए। योजना के तहत अंजलि ने बीमा एजेंट बनकर पहले महमूद से नजदीकियां बढ़ाई। इसके बाद अंजलि और महमूद के बीच फोन कॉल और वॉट्सऐप कॉल भी होने लगे। इसके बाद अंजलि ने 13 जनवरी को दालमंडी मार्केट से नया फोन खरीदा। 14 जनवरी को अंजलि, प्रवीण और अनिरुद्ध कैंट रोडवेज बस स्टैंड पर मिले। इन लोगों ने वहां से एक नया सिम खरीदा। इसके बाद अंजलि ने उसी नए नंबर से महमूद को फोन लगाया। बात होने पर महमूद ने अपने BHU में होने की बात कही। इस पर अंजलि ने महमूद को कैंपस के विश्वनाथ मंदिर के बाहर मिलने को कहा। थोड़ी देर बाद महमूद स्कूटी से मंदिर पहुंच गए। इसके बाद अंजलि ने उन्हें अपनी XUV कार में बैठा लिया। थोड़ी देर में बाकी आरोपी भी कार में सवार हो गए और महमूद को किडनैप कर लिया गया। फिर कार जौनपुर रोड पर दौड़ने लगी। इसी बीच रास्ते में इन लोगों ने 20 लाख फिरौती मांगी गई। जब महमूद ने इतना पैसा न होने की बात कही, तो 8 लाख रुपए मांगे गए। इसी बीच कारोबारी महमूद के बैंक अकाउंट से 2 लाख रुपए निकाले गए। ये पैसे बाबतपुर और रामनगर के ATM से निकाले गए। मगर, बाद में डर के मारे आरोपियों ने महमूद की गला घोंटकर हत्या कर दी।
पुलिस ने BHU के CCTV कैमरों को खंगाला, तो महमूद और महिला समेत पांचों आरोपियों की पहचान हुई। इसके बाद पुलिस ने पहले दो आरोपियों को पकड़ा। फिर अंजलि को भी हिरासत में ले लिया। इसके बाद बाकी बचे दोनों आरोपियों को भी पकड़ लिया। भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे का कहना है कि कारोबारी महमूद का शव अभी नहीं मिला है।