काव्य-रचना

काव्य-रचना

    भरोसा    

हमें है भरोसा,
अपने काबिलियत पर।
अपने मंजिल को पाने की।।
माता - पिता को है भरोसा ,
अपने संतानों पर।
अपने दिए गए संस्कारों की।।
माली को है भरोसा,
अपने कर्मों पर।
बगिया में फूल खिलने की।।
हमें रखनी है,
इसी भरोसे पर भरोसा।
एक दिन अपने जीवन को सफल बनाने की।।


बबीता कुमारी