काव्य-रचना

काव्य-रचना

    लोहार का हथौड़ा   

एक लोहे के टुकड़े को
मनोवांछित रूप देने के लिए
भट्ठी में गर्म किया जाता है
उस पर आघात करता है 
लोहार का हथौड़ा
ठीक यही सिद्धांत लागू होता है
होनहार विद्यार्थी पर,
जब एक योग्य शिक्षक
अपने कड़े अनुशासन और
कठोर नियम के हथौड़े का प्रहार
कच्ची उम्र के विद्यार्थी पर करता है
तो इस प्रहार के द्वारा और 
अनुशासन की गर्मी से
वर्षों तक तपते हुए 
स्वर्ण जैसा सुंदर
विद्यार्थी का जन्म होता है 
जो समाज को एक नई दिशा देता है/
एक सुंदर राष्ट्र के निर्माण के लिए
आवश्यक है-
अध्यापक की छड़ी और
लोहार का हथौड़ा।।

कवि योगेन्द्र पांडेय