प्रवासी भाइयों की कलाई पर दमकेगी गुलाबी मीनाकारी
वाराणसी (रणभेरी): काशी के जीआई उत्पादों की मांग घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बढ़ रही है। इससे न सिर्फ काशी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली है, बल्कि महिलाओं को बड़ी तादात में रोजगार मिल रहा है। भाई बहनों के स्नेह के पर्व रक्षाबंधन पर अब चीनी उत्पादों की जगह देसी उत्पादों को तवज्जो दी जा रही है। गुलाबी मीनाकारी की राखियों की डिमांड विदेशों से भी आ रही है। पीएम मोदी अपने विदेशी दौरों पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को काशी के हस्तनिर्मित उत्पादों का तोहफे में देते हैं। जी-7 सम्मेलन में काशी के उत्पादों का बोलबाला था। इसका असर रक्षाबंधन पर भी देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कुंज बिहारी ने बताया कि गुलाबी मीनाकारी की राखी की मांग घरेलू और विदेशी मार्केट में बढ़ी है। अमेरिका समेत कई देशों और घरेलू बाजार से करीब 10 लाख रुपये से अधिक का ऑडर मिला है। देश के साथ विदेशों से आए ऑडर को पूरा करने के लिए 200 से 500 रुपये कमाने वाली 500 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिला है। इससे उनका हुनर निखरने के साथ ही उनकी कला को विदेशी व प्रवासी भाइयों द्वारा सराहना भी मिल रही है।
विशेष लिफाफे में विदेशों तक पहुंच रही बहनों की राखियां
भाई बहन के प्यार के त्योहार रक्षाबंधन को लेकर डाक विभाग भी पूरी तरह से तैयार है। डाकघरों से अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर सहित तमाम देशों में राखियां भेजी जा रही हैं। डाक विभाग की ओर से विशेष लिफाफा भी तैयार कराया गया है। बहनें व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को छोड़कर भाइयों की कलाई सजाने के लिए डाकघर से रंगबिरंगी राखियां भेजना पसंद कर रही हैं। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि छह जिले वाराणसी, गाजीपुर, भदोही, बलिया, चंदौली, जौनपुर से अब तक लगभग 50 हजार राखियां विभिन्न डाकघरों से देश-विदेश में भेजी गईं। रक्षाबंधन के दिन भी वितरण के विशेष प्रबंध किए गए हैं, ताकि किसी भाई की कलाई खाली न रहे। वाराणसी से भी बड़ी संख्या में विदेशों के लिए स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड डाक द्वारा राखियां भेजी जा रही हैं। लगभग 800 राखियां अब तक संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, फ्रांस में गई हैं। डाक विभाग ने बुकिंग के साथ-साथ स्पेशल सॉर्टिंग और त्वरित वितरण के लिए डाकघरों से लेकर रेलवे मेल सर्विस और नेशनल सॉर्टिंग हब तक में विशेष प्रबंध किए हैं।