भीषण गर्मी से लोग परेशान: पारा चल रहा 45 डिग्री के पार, मौसम विभाग ने जताया बारिश का अनुमान

भीषण गर्मी से लोग परेशान: पारा चल रहा 45 डिग्री के पार, मौसम विभाग ने जताया बारिश का अनुमान

(रणभेरी): वाराणसी समेत आसपास के जिलों में गर्मी और उमस के कारण लोगों का हाल बेहाल है। पिछले एक सप्ताह से तीखी धूप और गर्म हवाओं के कारण गर्मी बढ़ती जा रही है। दोपहर में ऐसा लग रहा है जैसे आसमान से आग बरस रही हो। अधिकतम तापमान भी इस हफ्ते 45 डिग्री के पार ही चल रहा है। सूरज की तपिश के बीच बेचौन करने वाली गर्मी और हीटवेव से लोग परेशान हैं। मंगलवार को अधिकतम तापमान 45.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले रविवार का अधिकतम तापमान जहां 44.6 डिग्री सेल्सियस रहा वहीं सोमवार को बढ़कर 45.6 तक पहुंच गया था।

वही आज बुधवार को वाराणसी का मौसम काफी बदला-बदला नजर आ रहा है। रात से ही तेज ठंडी हवा पश्चिमी दिशा से पूरब की ओर बह रही है। इसकी स्पीड रह-रह कर 20 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो जा रही है। आज हल्के बादल भी छाए हैं। यह हवा बारिश की ओर इशारा कर रही है। मौसम विज्ञान विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी कर बताया है कि 4-5 दिन तक बरसात हो सकती है। वहीं मानसून के लिए हमें 25 जून तक का इंतजार करना होगा। बता दें कि 15-19 जून तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। बरसात गरज-चमक के साथ होगी।

दोपहर में धूप भी अन्य दिनों की तुलना में अधिक लग रही थी। यही कारण है कि गर्मी से राहत नहीं मिली।  शाम चार बजे के करीब थोड़े बहुत बादल दिखे तो लगा कि राहत मिलेगी लेकिन धूप इतनी तेज थी कि बादल का भी कोई असर नहीं दिखा। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि इसी सप्ताह शुक्रवार के बाद से मौसम में बदलाव के आसार हैं। तेज हवा के साथ बूंदाबांदी की भी संभावना है। 

करीब सप्ताह भर से जिस तरह की धूप हो रही है और तापमान में उतार-चढ़ाव बना है, उसका ही असर है कि अस्पताल में उल्टी, दस्त, डायरिया के साथ ही हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। दो दिन पहले तक हीट स्ट्रोक वार्ड खाली था लेकिन सोमवार की दोपहर में हीट स्ट्रोक वार्ड में सभी बेड पर मरीज भर्ती थे। उधर बाल रोग विभाग, फिजिशियिन, एमडी की ओपीडी में पहुंचे मरीजों में उल्टी, पेट दर्द और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक रही। चिकित्सकों ने खान पान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने की सलाह दी। अस्पताल के एसआईसी डॉ. हरिचरण सिंह ने बताया कि हीट स्ट्रोक वार्ड के भरने के बाद पेइंग वार्ड में भी मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अगर अस्पताल में बेड नहीं मिला तो मरीजों को दीनदयाल अस्पताल में रेफर किया जाएगा।