नर्सिंग होम ने अचेत मरीज़ को सड़क पर फेंका

नर्सिंग होम ने अचेत मरीज़ को सड़क पर फेंका

छापेमारी का ऐसा डर कि झोलाछाप ने बीमार को दवा देने से कर दिया इनकार
112 नंबर पर फोन करने पर नहीं मिली मदद, सड़क किनारे दर्द से कराहती रही बालिका 

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के रोहनिया में डॉक्टरों ने बीमार युवती का इलाज करने से मना कर दिया। पिता ने ग्रामीणों की मदद से एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन एक घंटे इंतजार करने के बाद भी सड़क के किनारे तड़प रही बेटी के पास एंबुलेंस नहीं पहुंची। बुधवार को सुबह लगभग दस बजे रोहनिया के जमीन बैरवन निवासी दलित बस्ती के ओमप्रकाश राम की पंद्रह वर्षीय पुत्री सुषमा देवी को अचानक उल्टी तथा दस्त और पेट में दर्द होने लगा जिसे लेकर पिता ने कई निजी अस्पतालों के चक्कर काटे। लेकिन छापेमारी की डर से किसी भी डॉक्टर ने इस लाचार दर्द से तड़प रही मरीज का इलाज नहीं किया। जिससे पिता ओमप्रकाश ने ग्रामीणों की मदद से एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन एक घंटे इंतजार करने के बाद भी सड़क के किनारे तड़प रही बेटी के पास एंबुलेंस नहीं पहुंची। तब 112 नंबर पर फोन किया तो तत्काल मौके पर पहुंची पुलिस ने हॉस्पिटल में इलाज के लिये भर्ती कराया। सभी लोग पुलिस कि तारीफ कर रहे थे।