वाराणसी: दालमंडी चौड़ीकरण पर मुस्लिम महिलाओं का विरोध, बुलडोजर के सामने धरने का ऐलान
वाराणसी (रणभेरी): शहर के दालमंडी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रशासन द्वारा तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत कई मकानों की रजिस्ट्री पूरी की जा चुकी है और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इसी को लेकर स्थानीय मुस्लिम महिलाएं भी अब सामने आई हैं और उन्होंने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि उनका परिवार इस क्षेत्र में कई पीढ़ियों से रह रहा है। उनके घर, दुकान और रहन-सहन की परंपरा इसी मोहल्ले में बसी हुई है। महिलाओं ने साफ़ तौर पर कहा कि वे अपने घरों और दुकानों पर बुलडोजर नहीं चलने देंगे। उनका कहना है कि अगर बुलडोजर आया तो वे सबसे पहले उसके सामने खड़ी होंगी।
एक महिला ने बताया कि उनके घर में 24 तारीख को है, लेकिन ध्वस्तीकरण के खतरे ने पूरे परिवार को तनाव में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि "हम टेंशन में हैं कि अगर घर टूट गया तो रहेंगे कहां।" यह बयान केवल एक व्यक्तिगत चिंता नहीं है, बल्कि इस मोहल्ले की महिलाओं के सामूहिक भय और असुरक्षा का प्रतिनिधित्व करता है।
स्थानीय महिलाएं यह भी कह रही हैं कि उनके परिवार कई पीढ़ियों से दालमंडी में रह रहे हैं और उन्होंने अपनी दुकानों और घरों में वर्षों तक मेहनत की है। यह विरोध केवल व्यक्तिगत हित का नहीं, बल्कि उनके परिवार और सामाजिक जीवन की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
इस मामले में प्रशासन ने मकानों की रजिस्ट्री कर ली है, जिससे कानूनी रूप से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की स्थिति तैयार हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण योजना का उद्देश्य शहर की यातायात व्यवस्था सुधारना है। वहीं, स्थानीय महिलाओं और दुकानदारों का कहना है कि यह योजना उनकी आजीविका और पहचान पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
मोहल्ले के निवासी बताते हैं कि दालमंडी की गलियों में कई पीढ़ियों का सामाजिक और सांस्कृतिक ताना-बाना बसा है। महिलाओं का विरोध इस योजना के केवल कानूनी पक्ष तक सीमित नहीं है। यह उनके अस्तित्व, परिवार और आर्थिक सुरक्षा से सीधे जुड़ा हुआ है।
स्थानीय प्रशासन और महिलाओं के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। महिलाएं सामूहिक रूप से यह ऐलान कर चुकी हैं कि बुलडोजर आने पर वे सीधे उसके सामने खड़ी होंगी। उनका कहना है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण होगा, लेकिन वे अपनी उपस्थिति से इस कार्य को रोकने का प्रयास करेंगी।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि कई छोटे व्यवसाय वर्षों से इस क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं। इन दुकानों के बंद होने से उनके परिवार की आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा। महिलाओं का विरोध केवल घर या दुकान के नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके परिवार की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।











