Nag Nathaiya 2021: कल कृष्ण लीला से गूंज उठा काशी नगरी
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में 400 वर्ष पहले काशी के तुलसी घाट पर गोस्वामी तुलसी दास जी के द्वारा शुरू किया गया नाग नथैया लीला का सोमवार को मंचन हुआ। शिव की नगरी काशी में गंगा जहां यमुना बनी वहीं कान्हा ने कालिया नाग का मर्दन कर बंशी बजाई। काशी के लक्खा मेले में शुमार नागनथैया लीला तुलसीघाट पर संपन्न हुई।शाम चार बजे अस्सी से तुलसीघाट, रिवाघाट तक हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान परंपरा का निर्वाह करते हुए काशीराज परिवार से महाराज कुंवर अनंत नारायण सिंह भी बजड़े पर मौजूद रहे। संकटमोचन महंत परिवार इस महा आयोजन की परंपरा का निर्वाह करता है।
कभी इस लीला में श्रीकृष्ण का पात्र निभाने वाले पंडित डॉ प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र आज इस मेले के व्यवस्थापक रहे। काशी की ये अनोखी लीला है, जिसमें भगवान कृष्ण के दो स्वरूप होते हैं। एक बाल मित्रों संग यमुना स्वरूपी गंगा के तट पर गेंद खलते हैं। वहीं दूसरे जो कदम्ब के पेड़ पर चढ़कर बांसुरी बजाते हुए यमुना में छलांग लगा देते हैं और कालिया नाग का मर्दन करते हैं।
तुलसी घाट पर पिछले साढ़े चार सौ सालों से चली आ रही परंपरा के क्रम में नाग नथैया लीला का आयोजन हुआ। प्रभु श्रीकृष्ण के दर्शन को कुंवर अनंत नारायण सिंह भी पहुंचे, जैसे ही रामनगर किले से उनका बजड़ा तुलसी घाट पहुंचा जनता ने हर हर महादेव के जयघोष से उनका स्वागत किया। महंत प्रोफ़ेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र समस्त काशीवासियों की ओर से कुंवर अनंत नारायण सिंह को पुष्प अर्पित किया। कुंवर ने Nag Nathaiya 2021 लीला पूरी होने पर भगवान को पुष्पों की माला और सोने की गिन्नी अर्पित की।
नागनथैया लीला- करीब सवा चार बजे कान्हा ने कंदुक को यमुना में फेंक दिया। सखाओं के मना करने के बाद भी जिद पर अड़े कृष्ण कदंब की डाल पर चढ़कर नदी में कूद गए। कुछ क्षण में भगवान श्रीकृष्ण बंशी बजाते बाहर आए तो लोग प्रभु को देख गदगद हो गए। इसके बाद तो हरहर महादेव की गूंज, डमरू की गड़गड़ाहट आरती और भजन से पूरा वातावरण गुंजामय हो गया। कान्हा नदी में कालिया नाग के फन पर बैठकर भक्तों को दर्शन दिए।
इस मेले में उमड़े लोगों ने अलौकिक क्षण को देखा और नजारे को अपने कैमरे और मोबाइल में कैद किया। बटुकों ने आरती उतारी और सभी लोगों ने उनके चरणों मे शीश नवाया।संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो विशम्भर नाथ मिश्र और विजय नाथ मिश्रा ने भगवान श्री कृष्ण को माला पहनाकर नमन किया। दूसरी ओर बजड़े पर सवार महाराज काशी नरेश के प्रतिनिधि अनंत नारायण सिंह का लोगों ने स्वागत किया। सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी और गंगा में एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवान तैनात किए गए थे।300 सिविल पुलिसकर्मी कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। साथ ही पीएसी के 120 पुलिसकर्मी, 66 महिला पुलिसकर्मी, 35 सब इंस्पेक्टर, 8 इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाई गई थी। घाट पर मौजूद पुलिसकर्मी तुलसी घाट की छत से दूरबीन से एक एक पल की निगरानी कर रहे थे।