काशी में दो दिन खेली जाएगी होली!, रंगों से सराबोर होगा जनमानस
Varanasi (Ranbheri): वाराणसी में दो साल तक कोरोना त्रासदी के बाद हालात सामान्य होने पर इस बार यहां होली का उल्लास चरम पर है। एक सप्ताह पहले से ही रंग-गुलाल का दौर शुरू हो गया है। इस वर्ष काशी के विद्वान भी बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस में कब होली मनेगी इसको लेकर अलग अलग तर्क दें रहे हैं। होली की तारीख पर कन्फ्यूजन के बीच वाराणसी में दो दिन होली का त्योहार मनाया जाएगा। कहीं रंग तो कहीं फूलों की होली होगी। दोनों दिन विविध आयोजन भी होंगे। शहर के कुछ हिस्सों में जहां छह मार्च की मध्य रात्रि के बाद होलिका दहन की तैयारी है।
वहीं कुछ हिस्सों में सात मार्च की शाम को होलिका दहन की तैयारी चल रही है। वरुणा पार इलाके में तो अधिकांश जगहों पर सात मार्च की शाम को गोधूलि बेला में होलिका दहन किया जाएगा। वाराणसी के आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी सात मार्च की शाम को होलिका दहन होगा और 8 मार्च को होली मनाई जाएगी। वाराणसी में होलिका दहन के दूसरे दिन चौसठ्ठी देवी की यात्रा की परंपरा होने के कारण शहरी क्षेत्र में होली का त्योहार सात मार्च को मनाने की तैयारी चल रही है। उदया तिथि में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा का मान आठ मार्च को होने के कारण शहर को छोड़कर आसपास के गांव और वरुणा पार के इलाके में होली का त्योहार मनेगा। वही होली के मद्देनजर 7 मार्च को शहरी इलाके शराब की दुकानें बंद रहेंगी तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों 8 मार्च को दुकानों को बंद रखने का आदेश वाराणसी के डीएम ने जारी किया है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने शराब की दुकानों की बंदी के लिए नए सिरे से आदेश जारी किया है। डीएम की ओर से जारी आदेश के अनुसार काशी और वरुणा जोन (चौबेपुर और चोलापुर थाना छोड़कर) क्षेत्र की सभी दुकानें सात मार्च को पूरे दिन बंद रहेंगी। अगले दिन आठ मार्च को गोमती जोन और वरुणा जोन के चौबेपुर और चोलापुर थाना क्षेत्र की दुकानें बंद रहेंगी।
बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा छह मार्च की शाम को 4:18 बजे से लगेगी और सात मार्च की शाम को 5:30 बजे समाप्त हो रही है। ऐसे में प्रदोष काल व्यापिनी पूर्णिमा में होलिका दहन छह मार्च को किया जाएगा। पूर्णिमा के साथ भद्रा होने के कारण भद्रा के पुच्छकाल में होलिका दहन का मुहूर्त रात्रि में 12:30 बजे से 1:30 बजे तक मिलेगा।
सात मार्च की शाम को होगा होलिका दहन
काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि सात मार्च को पूर्णिमा का मान शाम को 5:40 बजे तक है और सूर्यास्त 5:49 बजे होगा। ऐसे में पूर्णिमा के बाद 49 घटी और 38 पल का सूर्यास्त मिल रहा है। ऐसे में सात की शाम को भद्रा का अंत, पूर्णिमा का अंत और सूर्यास्त भी मिल रहा है। ऐसे में काशी की जनता सात मार्च की गोधूलि बेला में होलिका दहन करके आठ मार्च को होली मनाएगी। सात मार्च को शाम को हुताशिनी की जन्म जयंती और भगवान चैतन्य प्रभु का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। सात मार्च को भद्रा का समापन होने के बाद गोधूलि बेला में होलिका दहन होगा।ज्योतिषाचार्य पं. विमल जैन ने बताया कि छह मार्च को भद्रा शाम 4:18 मिनट से अर्द्धरात्रि के पश्चात 5:15 बजे तक रहेगी। भद्रा पुच्छ की शुरुआत 12:30 बजे से होगी और स्नान, दान और व्रत का पर्व फाल्गुनी पूर्णिमा सात मार्च को मनाई जाएगी।