Hanuman Janmotsava: पवनसुत की भक्ति के आकंठ में डूबी काशी नगरी
- हनुमान जयंती पर शिव की नगरी केसरिया रंग में रंगी काशी
- संकटमोचन मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम
- शहर के अलग-अलग इलाकों से सुबह निकाली गई ध्वजा यात्रा और झांकी
वाराणसी (रणभेरी): आज संकटमोचक हनुमान जी की जयंती है। हनुमान जी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को अवतरित हुए थे। पवनसुत की भक्ति के आकंठ में डूबी शिव की नगरी काशी में शनिवार को इस पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर के अलग-अलग इलाकों से सुबह हनुमान ध्वजा यात्रा निकाल कर लोग संकटमोचन मंदिर पहुंच रहे हैं। हर तरफ जय श्रीराम-जय हनुमान का उद्घोष सुनाई दे रहा है। शिव के अवतार महाबली हनुमान के जन्मोत्सव पर चारों ओर जय हनुमान ज्ञान गुणसागर, जय कपिश तिहुं लोक उजागर... की गूंज मंदिरों के साथ गलियों और चौराहों पर भी गूंज रही है। इस बीच संकटमोचन मंदिर और वनकटी हनुमान मंदिर के साथ ही शहर भर के देवालयों में दर्शन-पूजन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी है। इसके साथ ही लोग अपने घरों में भी भक्ति भाव से संकटमोचन महाराज के पूजन और हवन में लगे हुए हैं।
सुबह से देर रात तक दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहेगा। संकटमोचन मंदिर में श्री हनुमान जन्मोत्सव के 10 दिवसीय आयोजन की शुरूआत आज से हो गई। दरबार में होने वाले इस 10 दिवसीय आयोजन का शुभारंभ शनिवार को प्रात: छह बजे से श्री हनुमत पूजन-अर्चन से आरंभ हो गया। सात बजे से श्रीरामचरित मानस का पाठ आरंभ हुआ जो रविवार तक चलेगा। इस दौरान हनुमान जी का बैठकी शृंगार होगा। शहर से ध्वजा यात्राओं का आयोजन किया गया है। पहली ध्वजा यात्रा सुबह में और दूसरी रात में मंदिर पहुंचेगी। रात्रि पर्यंत मंदिर में रामचरित मानस का अखंड पाठ होगा। 17 से 19 अप्रैल तक तीन दिवसीय रामायण सम्मेलन आयोजित किया गया है।
ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि चैत्र शुक्लपक्ष की पूर्णिमा शुक्रवार को मध्य रात्रि के बाद 2:25 बजे लगेगी और शनिवार को रात्रि 12:24 बजे तक रहेगी। व्रत की पूर्णिमा का अनुष्ठान एवं स्नान-दान शनिवार 16 अप्रैल को होगा। शनिवार को चित्रा नक्षत्र प्रात: 8:40 बजे से रविवार 17 अप्रैल को 7:17 बजे तक रहेगा। इस दिन व्रत उपवास रखकर श्री हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।