आटा निर्यात पर सरकार की सख्ती, लेनी होगी इनकी मंजूरी
(रणभेरी): सरकार ने देश में अनाज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए 13 मई को गेहूं निर्यात प्रतिबंध लगा दिया था। आटे की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने गेहूं के आटे के आउटबाउंड शिपमेंट के लिए एक नया अनुमोदन ढांचा अमल में लाने का फैसला किया है। गेहूं के आटे के निर्यातकों को अब आटे के शिपमेंट के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की मंजूरी की आवश्यकता होगी। नए नियम 12 जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे।
डीजीएफटी (Directorage General of Foreign Trade) की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि गेहूं के आटे के निर्यात की छूट मिलेगी लेकिन इसके लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिश जरूरी होगी। नए अनुमोदन ढांचे के तहत तय किए गए प्रावधान गेहूं का आटा, मैदा, सैमोलिना, साबूत आटा और अन्य तरह के आटों के निर्यात पर लागू होगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि गेहूं के आटे की गुणवत्ता के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
हालांकि गेहूं की तरह आटे के एक्सपोर्ट पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया गया है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत से अप्रैल में करीब 96,000 टन आटे का एक्सपोर्ट हुआ जो पिछले साल के मुकाबले 26,000 टन अधिक है। वित्त वर्ष 2022 में गेहूं के निर्यात में काफी तेजी आई और इसी तर्ज पर आटे का एक्सपोर्ट भी बढ़ा। सूत्रों के मुताबिक 13 मई को गेहूं निर्यात पर रोक के बाद आटे के निर्यात में अचानक काफी उछाल दिखने लगा था। व्यापारी सरकार के प्रतिबंधों में सेंध लगाने के नए तरीके खोज रहे थे और गेहूं के बजाए आटे के निर्यात का खेल चल रहा था। इसे रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।