गोरखपुर की नन्हीं मानवी ने पीएम रिलीफ फंड में किए दान, बोला- 'पापा नहीं चाहिए खिलौने और कपड़े, सेना को दूंगी गुल्लक के पैसे

(रणभेरी): भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच लोग डटकर अपने देश के साथ खड़े हैं। वहीं भारत की बेटियां दुश्मन देश पकिस्तान को मुंहतोड़ जबाब देने का कार्य कर रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ गोरखपुर की महज 8 साल की बेटी मानवी सिंह ने सेना के इस शौर्य को सलाम करते हुए अपनी जमा पूंजी दान की है. पिछले 2 साल से अपने गुल्लक में जमा की गई पॉकेट मनी को मानवी ने प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया है।
पापा मुझे खिलौने और कपड़े नहीं चाहिए। भारतीय सेना के जवानों के लिए कुछ करना चाहती हूं। बेतियाहाता में रहने वाली महज आठ साल की मानवी की बात सुनकर एक समय घर वाले भी चौंक गए। बॉर्डर पर बढ़ते संघर्ष को देखते हुए मानवी ने सेना के जवानों के लिए अपना गुल्लक फोड़ दिया। अपने पिता के सहयोग से मानवी ने 50 हजार रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराए हैं। इसमें उसके गुल्लक का 25 हजार 549 रुपया भी शामिल है।
शहर के बेतियाहाता में रहने वाले आदित्य प्रताप सिंह 'आगू' भारतीय कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। उनकी बेटी मानवी सिंह कक्षा 5 की छात्रा है। मानवी पापा से मिलने वाली पाकेट मनी को गुल्लक में जुटा रही थी। उन पैसों से वह खिलौने लेना चाहती थी। 25 हजार से अधिक धनराशि एकत्र हो गए थे। लेकिन इस समय देश की सीमा पर जारी तनाव, हो रही गोलाबारी के बाद वह अपने देश और सेना की सहायता करता चाहती है। इसके लिए उसने अपने पिता से गुल्लक के पैसे सेना को देने को कहा।
आदित्य की मानवी व प्राख्या दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी ने जब सेना की मदद करने का इच्छा जताई तो वह सहर्ष तैयार हो गए। शुक्रवार को वह बैंक गए और चेक के जरिए 50 हजार रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले जब बेटी स्कूल से आयी तो उसने अचानक कहा कि पापा मुझे गेम और खिलौने नहीं चाहिए। मेरा पैसा सेना को दे दो।
बेटी की इस इच्छा का परिवार के सभी सदस्यों ने सम्मान किया और पैसे राहत कोष में जमा करा दिए। मां मनाली सिंह ने कहा कि जब बेटी ने यह बात बताई तो उन्हें भी हैरत हुई कि इतनी छोटी उम्र में इस तरह की बात कैसे कर रही है। लेकिन यह सुनकर गर्व भी हुआ।