काशी में आज से गंगा पुष्कर कुंभ की शुरूआत: गंगा किनारे दिखेगी उत्तर और दक्षिण की संस्कृति, एनडीआरएफ अलर्ट
वाराणसी (रणभेरी): धर्म व आध्यात्म की नगरी काशी में शनिवार से उत्तर व दक्षिण भारत के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने वाले गंगा पुष्कर मेले का शुभारंभ हो गया हैं।इस अवसर पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल से आए श्रद्धालुओं ने केदार घाट पर गंगा स्नान के पश्चात नमामि गंगे के सदस्यों के साथ गंगा की आरती उतारकर सुख समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण की कामना की। इसे दोनों संस्कृतियों के संगम के रूप में देखा जा रहा है। इसको लेकर प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ मुस्तैद है। एनडीआरएफ के जवान गंगा में निगरानी कर रहे हैं। वहीं तेगुलू भाषा में अनाउंसमेंट कर दक्षिण भारतीय मेहमानों को सचेत कर रहे हैं। अस्सी से लेकर राजघाट के बीच सभी 84 घाटों पर दक्षिण भारतीय श्रद्धालु अपने पूर्वजों के निमित्त, पाप से मुक्ति व सौभाग्य की कामना से अनुष्ठान कर रहे हैं। गंगा पुष्कर कुंभ 22 अप्रैल से शुरू होकर तीन मई तक चलेगा। इस दौरान दक्षिण भारतीय समाज के लोग पूजा अर्चना, पूर्वजों का तर्पण, स्मृति लिंग स्थापित करने और पार्थिव शिवलिंग की पूजा के लिए काशी पहुंचने लगे हैं। पिछले तीन दिनों से दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। मेले में अस्सी, केदारघाट, शंकराचार्य घाट, मानसरोवर, चौकी व राजघाट पर सबसे अधिक भीड़ होगी। आयोजन में सबसे अधिक श्रद्धालु आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से पहुंच रहे हैं।
गंगा पुष्कर कुंभ का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल को भोर में 5:15 बजे से आरंभ हो गया है। श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद तर्पण व पिंडदान कर रहे हैं। इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर, मां अन्नपूर्णा, कालभैरव, बिंदुमाधव का दर्शन पूजन करके पंरपरा को पूर्ण करेंगे। गंगा पुष्कर में पंचगंगा घाट स्थित बिंदु माधव के दर्शन पूजन की मान्यता है। यहां पर सबसे अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। अस्सी से लेकर हनुमान घाट के बीच श्रद्धालुओं के पुरोहित द्वारा जगह-जगह पार्थिव शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक व पूजन आरंभ हो चुका है। दक्षिण भारत के श्रद्धालु अन्नदान भी करेंगे। मान्यता के अनुसार, पुष्कर नाम के एक भक्त ने भगवान शिव से पवित्र नदियों को शुद्ध करने का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने 12 पवित्र नदियों में प्रवेश किया। इन नदियों में गंगा, नर्मदा, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, भीमा, ताप्ती, तुंगभद्रा, सिंधु और प्राणिता शामिल हैं। क्षेमेश्वर घाट पर स्थित गुंटूर मठ में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के लिए भोजन का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा आंध्रा आश्रम में भी श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम किए गए हैं। गंगा पुष्कर कुंभ में शामिल होने आ रहे श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन व मंदिर की ओर से खास इंतजाम किए गए हैं। अस्सी घाट से राजघाट तक चेंजिंग रूम लगाए गए हैं। शहर के होटल धर्मशाला की सूची भी सार्वजनिक की गई है जिससे कि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो