गंगा ने पार क‍िया चेतावनी ब‍िंदु : निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराया, 50 दिनों से नाव संचालन बंद

गंगा ने पार क‍िया चेतावनी ब‍िंदु : निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराया, 50 दिनों से नाव संचालन बंद

(रणभेरी) : मानसून के मौजूदा सीजन में गंगा ने तीसरी बार चेतावनी बिंदु को पार कर लिया है। नदी का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। लगातार हो रही बढ़ोतरी से प्रशासन और आमजन में चिंता गहरा गई है। केंद्रीय जल आयोग की ताज़ा बुलेटिन के अनुसार सोमवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 70.28 मीटर दर्ज किया गया था। इसके बाद 12 घंटे में 24 सेंटीमीटर की बढ़त के साथ मंगलवार सुबह 6 बजे यह 70.69 मीटर पर पहुंच गया। हर घंटे करीब 2 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो रही है।

घाट जलमग्न, शवदाह कार्य प्रभावित

तेजी से बढ़ते पानी ने वाराणसी के प्रमुख घाटों को अपनी चपेट में ले लिया है। दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियां डूब चुकी हैं, वहीं अस्सी घाट पर सड़क पहले ही जलमग्न हो गई है। मणिकर्णिका घाट की गलियों में पानी घुस गया है, जहां शवों को नाव के सहारे श्मशान तक ले जाया जा रहा है। कई जगहों पर शवदाह कार्य छतों और ऊंचे प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है। हरिश्चंद्र घाट की गलियां भी जलमग्न हैं, बावजूद इसके वहां चिताएं जल रही हैं।

निचले इलाकों में घुसा पानी

गंगा के उफान से नालों के जरिए पानी शहरी इलाकों में प्रवेश करने लगा है। वरुणा नदी में पलट प्रवाह से आसपास की बड़ी आबादी बाढ़ के खतरे में आ गई है। प्रभावित इलाकों के लोग अस्थायी शिविरों और ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।

चार दिन बाद मिल सकती है राहत

केंद्रीय जल आयोग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि अगले चार दिनों में जलस्तर में गिरावट आ सकती है। तब तक प्रशासन को राहत व बचाव कार्यों में पूरी ताकत झोंकनी होगी। शहर की सड़कों और बाजारों पर भी बाढ़ का असर दिखाई देने लगा है। प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।