आज भी दिल्ली को नहीं मिला मेयर, सदन की कार्यवाही स्थगित, सुप्रीम कोर्ट जाएगी AAP

आज भी दिल्ली को नहीं मिला मेयर, सदन की कार्यवाही स्थगित, सुप्रीम कोर्ट जाएगी AAP

(रणभेरी): दिल्ली के मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव कराने को लेकर आज सोमवार को हुई सदन की तीसरी बैठक भी बेनतीजा रही। एक बार फिर हंगामे के चलते सदन की बैठक स्थगित हो गई। डिप्टी मेयर का चुनाव आज भी नहीं हो सका। इससे पहले बैठक शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी ने एल्डरमैन को वोट डालने का अधिकार देने का आदेश दिया। जिस पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जाहिर की। वहीं बीजेपी की तरफ से नारे लगाए जाने लगे। इससे पहले आप ने आरोप लगाया था कि बीजेपी आज भी मेयर चुनाव नहीं होने देगी। 

वहीं AAP पार्षदों ने MCD की पीठासीन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव से बाहर रखा जाए। दिल्ली नगरपालिका सदन में पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा, ‘‘ दिल्ली नगरपालिका के सदन की कार्यवाही अगली तारीख तक स्थगित की जाती है.’’ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की कार्यवाही सोमवार को आधे घंटे की देरी के बाद सुबह करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई। इसके तुरंत बाद ही शर्मा ने घोषणा की कि महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव एक-साथ होंगे. सत्या शर्मा ने कहा, ‘‘ महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में ‘एल्डरमैन’ वोट कर सकते हैं.इस घोषणा के बाद ‘आप’ के पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया. पार्टी के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि ‘एल्डरमैन’ वोट नहीं दे सकते। 

इस पर सत्या शर्मा ने कहा, ‘‘ लोगों ने आपको यहां सेवा करने के लिए भेजा है, चुनाव होने दीजिए.’’ इससे पहले घोषणा को लेकर हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित की गई थी. हालांकि, बाद में पीठासीन अधिकारी ने इसे अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया. वहीं, आप विधायक आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी आज ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी जिससे “अदालती निगरानी में” महापौर पद के लिये चुनाव हो सके। उनके मुताबिक- संविधान में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार नहीं है। इस चिट्ठी में AAP के 134 पार्षदों और एक निर्दलीय पार्षद समेत कुल 135 पार्षदों के दस्तख़त हैं। मेयर चुनाव पर AAP और BJP में खींचतान का दौर जारी है। दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत महापौर और उप महापौर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए. हालांकि नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया महापौर नहीं मिला है। 

इससे पहले एमसीडी सदन की बैठक छह जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दी। पिछले साल चार दिसंबर को संपन्न चुनाव के बाद 250 सदस्यीय निकाय के पहले सत्र में कोई कामकाज नहीं हो पाया था। दूसरे सत्र में नामांकित सदस्यों के शपथ लेने के बाद निर्वाचित पार्षदों ने शपथ ली, हालांकि इसके बाद पीठासीन अधिकारी एवं भाजपा पार्षद सत्या शर्मा ने कार्यवाही को अगली तारीख के लिए स्थगित कर दिया. एमसीडी चुनाव में ‘आप’ 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं।