बरसात भी नहीं डिगा सकी श्रद्धालुओं की आस्था

- पांच मिनट के भरत मिलाप की लीला में उमड़ा रहा जनसैलाब
- भगवान इन्द्र ने श्रीराम समेत चारों भाइयों के पखारे पांव
- लोग रेनकोट व छाता लगा कर पहुंचे लीला स्थल
वाराणसी (रणभेरी): श्रद्धालुओं के मन में इतनी आस्था की बरसात भी उन्हें डिगा नहीं पायी। काशीवासियों ने नाटीइमली के भरत मिलाप में यह साबित कर दिया कि चाहे कोई भी बाधा आये लेकिन वह भगवान का दर्शन करके ही मानेंगे। शुक्रवार को सायंकाल नाटीइमली के भरत मिलाप में यही सब कुछ देखने को मिला। एक ओर भगवान इन्द्र बरसात कर रहे थे तो दूसरी ओर आस्थावानों की भीड़ थमने का नाम ही नहीं ले रही थी। मान्यता है कि नाटीइमली के भरत मिलाप की लीला में सभी को भगवान श्रीराम समेत चारों भाइयों का साक्षात दर्शन होता है। इसी मान्यता को लेकर लोग नाटीइमली की महज पांच मिनट की लीला में पहले से ही रेनकोट, छाता लेकर पहुंचे थे। अधिकतर लोगों ने वर्षा में तरबतर बड़ी एकाग्रता से लीला देखी। पहले तो लोगों को यह विश्वास ही नहीं था कि नाटीइमली की लीला हो पायेंगी कि नहीं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भरत मिलाप की लीला हुई और इसको सभी ने अपनी सजल नेत्रों से निहारा।
सजल हो गईं आंखें, खुद बखुद जुड़ गये हाथ
चित्रकूट रामलीला समिति की ओर से इस साल नाटी इमली मैदान में 482वें वर्ष की लीला का मंचन किया गया था। श्रीराम, लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न चारों भाई जब आपस में गले मिले तो मैदान में बरसात से भींगते श्रद्धालुओं की आंखें सजल हो गई और उनके दोनों हाथ खुद बखुद जुड़ गये। एक ओर जहां बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी तो वहीं आस्था का सैलाब मैदान में उमड़ पड़ा था। काशी के लक्खा मेला में शुमार नाटी इमली के विश्व प्रसिद्ध लीला ने एक बार फिर लोगों का मन जीत लिया। चित्रकूट रामलीला समिति के प्रबंधक पं. मुकुंद उपाध्याय की मानें तो इस भरत मिलाप की यह खासियत है कि यहां पर अगर बरसात होती है कि लीला के समय बरसात थम जाती है और आसमान साफ हो जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
बनारस में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी। बहुत सारे लोग असमंजस में थे कि इस साल भरत मिलाप होगा कि नहीं। आखिरकार सायंकाल 4.40 बजे भरत मिलाप की लीला सकुशल सम्पन्न हुई। बरसात ने लीला प्रेमियों एवं रथ को कंधों पर ढोने वाले यादव बंधुओं का फुहार देकर स्वागत किया।
सबसे बड़ी बात यह है कि भारी बरसात के बीच यादव बंधुओं ने छह टन वजनी पुष्पक विमान को कंधों पर रख कर अयोध्या तक पहुंचा दिया। नाटी इमली के प्रसिद्ध भरत मिलाप की लीला देखने को लेकर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा था। किसी ने भी बरसात की कोई परवाह नहीं की। सड़क ही नहीं हमेशा की तरह लोगों ने मकानों की छतों पर से भी इस लीला को निहारा।
कार से पहुंचा काशीराज परिवार
नाटीइमली के प्रसिद्ध भरत मिलाप की लीला में काशी नरेश अनंत नारायण सिंह दूसरी बार कार से लीला स्थल पर पहुंचे। इसके पहले वह 2021 में कोरोना काल के दौरान कार से लीला स्थल पर पहुंचे थे। भारी बरसात के चलते काशीनरेश को हाथी की बजाय कार से ही लीला स्थल पर पहुंचना पड़ा। उनका हाथी नागरी प्रचारिणी सभा के मैदान में खड़ा था। काशीनरेश ने राज परिवार की परम्परा का निर्वाह किया।
उन्होंने पंडित अभिनव उपाध्याय को सोने की गिन्नी भेंट की। संचालन लीला व्यवस्थापक पं. मुकुंद उपाध्याय कर रहे थे। सायंकाल काशी नरेश का नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल ने तिलक लगा कर उनका स्वागत किया। साथ ही सभा से प्रकाशित पुस्तकें भेंट की।