ऊर्जा मंत्री का हड़ताली विद्युतकर्मियों को अल्टीमेटम, जाने क्या कहा !
वाराणसी (रणभेरी): उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से खड़े हुए बिजली संकट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर 12 बजे बैठक बुलाई। जिसमें ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, प्रमुख सचिव मौजूद समेत अधिकारी भी मौजूद रहे. यह बैठक लगभग 38 मिनट चली। बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस की। बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। इनमें से छह को निलंबित किया जा रहा है।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया, "हमने बिजलीकर्मियों से बार-बार वार्ता करने का प्रयास किया। अभी भी हम लोग बातचीत को तैयार हैं। वार्ता के द्वार खुल हुए हैं, लेकिन वो बात समझ नहीं पा रहे। जनता ने थोड़ी तकलीफ उठाकर हमारा साथ दिया है, जिसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। पिछले 30 घण्टे में आंधी तूफान का माहौल बना। लाइन क्षतिग्रस्त हुई, उसे निष्प्रभावी कर आगे बढ़ रहे हैं। पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति सुचारू चल रही है। जनता के संज्ञान में देना चाह रहा हूं कि हड़ताल असफल रही है। कुछ लोगों ने कानून हाथ में लेते हुए बिजली व्यवस्था को डिस्टर्ब करने का प्रयास किया। एक-एक जगह का संज्ञान है। कौन लोग अव्यवस्था फैला रहे हैं। उनको खोज निकालेंगे। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि संविदाकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। अब तक 1332 की सेवा समाप्त की गई है। शाम तक अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सभी से अपील है कि जनता और अपने परिवार के हित में काम पर लौटें। चार घंटे का समय दे रहे हैं। शाम छह बजे तक नहीं लौटने वालो को बर्खास्त कर दिया जाएगा। जहां बर्खास्त कर रहे हैं। वहां दूसरी एजेंसी, इंजीनियरिंग कॉलेज से छात्रों को ले रहे हैं। नए लोगों की सेवाएं लेंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुछ संगठन पांच दिन से हड़ताल पर हैं। उनसे बात करने का लगातार प्रयास कर किया जा रहा है। वार्ता के द्वार खुले है। कई संगठन जनता के हितों की रक्षा कर रहे हैं। वे निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। इन सभी का आभार है। कई निजी कंपनियों ने उत्पादन इकाई में मदद की है। उत्पादक क्षमता 28 मेगावाट की है। जरूरत कम है।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्युत प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं की अनदेखी न होने पाए। उद्योगों को भी पर्याप्त बिजली दी जाए। अधिकारियों ने बताया कि अभी मार्च माह तक वे उत्पादन कम होने के बाद भी निर्बाध बिजली देने की स्थिति में है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हड़ताल पर जाने वालों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।