अतिक्रमण:अवैध निर्माण और गंदगी के बीच सिसक रही असि नदी
- शिकायतों के बाद भी वीडीए नहीं करती कोई कार्रवाई, एनजीटी के आदेश का हो रहा उल्लंघन
वाराणसी (रणभेरी): यूं तो वाराणसी विकास प्राधिकरण के कारनामे से सब परिचित है लेकिन शिकायत के बाद भी अगर कोई करवाई न हो तो इसे विडंबना ही कहेंगे। एक तरफ जहां चुनाव के दौरान बनारस में तमाम अवैध निर्माण हुए वही अब दूसरी ओर काशी के पौराणिक असि नदी के किनारे अवैध निर्माण का क्रम जारी है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से असि नदी के संरक्षण व अतिक्रमण हटाने का आदेश फाइलों में ही नजर आ रहा है। हालत यह है कि असि की तलहटी में अवैध निर्माण लगातार जारी है। जिला प्रशासन की नाक के नीचे अवैध अतिक्रमण करने वाले पक्का निर्माण कर रहे हैं। असि नदी के मार्ग में बने रोहित नगर और संकटमोचन पुलिया के पास अवैध निर्माण का कार्य धड़ल्ले से जारी है।
रोहित नगर में तो खुलेआम बीम डालकर निर्माण किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसकी शिकायत वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के अधिकारियों से कई बार की गई थी, लेकिन अभी तक किसी ने संज्ञान में नहीं लिया है। पिछले कई दिनों से अवैध निर्माण अनवरत जारी है। एनजीटी ने पिछले साल असि नदी पर अतिक्रमण हटाने और उसके पुनरुद्धार के लिए आदेश जारी किया था। इसके तहत एनजीटी ने नदी के पुराने स्वरूप को वापस लौटाने के लिए निर्देश दिए गए थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने असि नदी के पुनरुद्धार के लिए कार्ययोजना तैयार की और अतिक्रमण अभियान भी चलाया। अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व विभाग, वीडीए, नगर निगम व वन विभाग की एक कमेटी भी गठित की गई है। समिति को सर्वे करके अपनी रिपोर्ट देनी थी और उसके आधार पर वीडीए को अवैध भवनों को ध्वस्त करना था। वहीं, नदी किनारे हरित पट्टी में बने अवैध भवनों का भी चिन्हांकन करके उस पर वैधानिक कार्रवाई की जानी थी।
सर्वे और पैमाइश के लिए बनी है कमेटी
नदी के सर्वे कार्य, भवनों व जमीन की पैमाइश के लिए डीएम ने जो कमेटी बनाई है उसमें अतिरिक्त उप जिलाधिकारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, तहसीलदार सदर, तहसीलदार राजातालाब, जोनल अधिकारी नगर निगम भेलूपुर व जोनल अधिकारी वीडीए नगवां व भेलूपुर शामिल हैं। वीडीए ने भी नदी व तलहटी में बने भवनों के सर्वे लिए दो जोनल अधिकारियों की तैनाती की है। वीडीए उपाध्यक्ष को रोजाना प्रगति की समीक्षा करनी थी। अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र से करीब सौ-सौ भवनों को चिन्हित भी किया है।
25 मीटर है असि नदी की हरित पट्टी
विकास प्राधिकरण के महायोजना 2031 में असि नदी के दोनों ओर 25-25 मीटर की हरित पट्टी है। अतिक्रमण व गंदगी के चलते कई जगहों पर नदी का स्वरूप ही नहीं दिखता है। कई जगहों पर लोगों ने निर्माण करके नदी का प्रवाह ही मोड़ दिया है। गंदगी व अतिक्रमण से यह पौराणिक नदी सिसक रही है।