2500 रुपये की किस्त न दे पाने पर बुजुर्ग ने दी जान

 2500 रुपये की किस्त न दे पाने पर बुजुर्ग ने दी जान

कानपुर। सूदखोरों और एक निजी बैंक के समूह का ऋण चुकता न कर पाने से परेशान एक मजदूर ने सोमवार को फंदा लगाकर जान दे दी। घर के अंदर शव रखा था और बाहर कर्ज वसूलने वालों की भीड़ लगी थी। ग्रामीणों के जानकारी देने के बाद भी कर्ज वसूलने वाले समूह के लोग नहीं माने तो ग्रामीणों के चंदा एकत्र पांच सौ रुपये दिए। तब वे लोग वहां से गए। महाराजपुर के सिकठिया पुरवा गांव निवासी सब्दीख (45) मजदूरी करते थे। परिवार में पत्नी रन्नो, छह बेटे और दो बेटियां हैं। रन्नो ने बताया कि पति सब्दीख ने गांव में कई सूदखोरों से दो लाख रुपये और एक निजी बैंक के समूह से 1.30 लाख रुपये ऋण ले रखा था। 

प्रत्येक सोमवार को समूह के लोग ऋण की किस्त 2500 रुपये वसूलने घर आते थे। सोमवार को समूह के लोग ऋण की किस्त लेने आए, लेकिन किस्त का पैसा चुकाने के लिए सब्दीख पैसों का जुगाड़ नहीं कर पाए थे।  इसकी वजह से सोमवार तड़के सब्दीख ने घर का कामकाज निपटाया। इसके बाद कमरे में जाकर कुंडी के सहारे नायलॉन की रस्सी से फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों की सूचना पर महाराजपुर थाना पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

महाराजपुर थाना प्रभारी का कहना है कि सब्दीख के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसने कई लोगों से कर्ज ले रखा था, जिसे चुका न पाने की वजह से परेशान था। इसी के चलते सब्दीख के खुदकुशी करने की बात प्रारंभिक जांच में सामने आई है। मामले की विस्तार से जांच की जा रही है

पिता का शव फंदे से लटकता देख चीखा छोटा बेटा

सब्दीख का छह साल का छोटा बेटा सलमान सोमवार की सुबह सोकर उठा और भूख लगने पर खाने के लिए भीतर कमरे में गया। वहां पिता का शव फंदे पर लटकता देख चीख पड़ा। उसने मां रन्नो और फिर परिवार के अन्य लोगों को घटना की जानकारी दी, तो घर में कोहराम मच गया।  सब्दीख के छह बेटों में शरीफ चेन्नई में आइस्क्रीम बेचता है। नफीस भोपाल में मसाला फैक्टरी में काम करता है। तीसरा बेटा शाहरुख भी चेन्नई में काम करने के लिए गया था।  वहां डेंगू होने पर वह करीब एक महीने पहले घर लौट आया था। उससे छोटा रफीक गांव के ग्राम प्रधान के घर में काम करता है। बाकी के दो बेटे मुस्तफा और सलमान की उम्र काफी कम है। जबकि, दो बेटियों में एक की शादी हो चुकी है।