जिले में कुत्तों का आतंक, लोगों को बना रहे अपना शिकार
वाराणसी(रणभेरी)। इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक फिर बढ़ गया है। झुंड में घूम रहे कुत्ते खूंखार रूप ले चुके है। ये आवारा कुत्ते छोटे जानवर व लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। शहर सहित पूरे जिलेभर से इसकी शिकातय बढ़ती जा रही है। मंडलीय अस्पताल में रैबीज इंजेक्शन के लिए हर दिन 50 से अधिक मरीज पहुंच रहें हैं। इसके अलावा कुछ लोग ग्रामीण स्तर पर और निजी अस्पताल में भी अपना इलाज करा रहे हैं। ज्यादातर बच्चें इन कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए शासन-प्रशासन को गंभीरता से सोचने की जरूरत है, लेकिन अब तक की गई कवायद पर्याप्त साबित नहीं हुई है। नगर निगम के अधिकारियों की माने तो शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए टीम को लगा दिया है। कुत्तों को पकड़ रही टीम- नगर निगम : नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर जहां से शिकायत आ रही है। वहां नगर निगम की टीम पहुंचकर कुत्तों को पकड़ रही है। इसके उनका वैक्सिनेशन भी कराया जा रहा है। 10 दिनों तक मॉनिटरिंग के बाद वापस उन्हें उठाए गए जगहों पर छोड़ दिया जा रहा है। जानकारों की माने तो भीषण गर्मी में आवारा कुत्ते इरिटेट होकर अधिक खूंखार हो जाते हैं। यही वजह है कि इस सीजन में कुत्ते के काटने के मामले अधिक आते हैं। पिछले दो माह में केसों में इजाफा : पशु चिकित्साधिकारी शशांक पांडेय ने बताया कि पिछले दो माह से केस में इजाफा हुआ है। दो सप्ताह से रोजाना 75 डॉग बाइट के नए मरीज आ रहे हैं। बताया कि रैबीज एक वायरस है अगर यह किसी जानवर में हो और वह जानवर हमें काट
ले खासकर कुत्ता या बंदर तो इंसान में भी रैबीज हो सकता है। यह वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम को फेल कर देता है।
24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज इंजेक्शन जरूर लगवाएं
उन्होंने बताया कि जानवर के काटने के 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज इंजेक्शन जरूर लगवाएं। 15 दिन में चार इंजेक्शन लगवाना होता है। सरकारी अस्पताल में इसे मुफ्त में लगाया जाता है। वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटल में करीब 1200 रुपए खर्च आता है।