जासूसी के आरोप में 15 साल से बंद था गुड्डू पाकिस्तानी
गोरखपुर । 15 साल की सजा काटने के बाद गोरखपुर की जेल से मोहम्मद मशरूर नामक पाकिस्तानी जासूस को रिहा करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। विदेश मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद गोरखपुर जिला प्रशासन और जेल प्रबंधन अब उसे बहराइच एलआईयू के हवाले कर देगा। प्रमोद पाल, गोरखपुर: गोरखपुर के जेल में बंद एक पाकिस्तानी नागरिक 15 साल बाद जेल से रिहा होने जा रहा है। विदेश मंत्रालय की तरफ से एनओसी जारी होने के बाद गोरखपुर प्रशासन और जेल प्रबंधन में इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। मोहम्मद मसरूर नाम का यह पाकिस्तानी पिछले 15 साल से जासूसी के आरोप में बंद था। हालांकि जांच के दौरान जासूसी का मामला सही नहीं पाया गया। लेकिन बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में घुसपैठ करने के आरोप की सजा वह काट चुका है। नेपाल बॉर्डर से 15 साल पहले जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी मोहम्मद मसरूर उर्फ गुड्डू को केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय की तरफ से एनओसी मिल चुकी है। इसके बाद गोरखपुर जेल से रिहा कर दिया जाएगा। मसरूर पिछले 15 साल से बहराइच, बनारस और गोरखपुर की जेल में सजा काट रहा था। फिलहाल वह गोरखपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सबूत के अभाव में उसे जासूसी के मामले में पहले ही बरी कर दिया गया था। रिहाई के आदेश 4 महीने पहले ही जारी हुए थे, लेकिन कई अन्य औपचारिकताएं पूरी न हो पाने की वजह से उसकी रिहाई नहीं हो सकी थी। अब जब विदेश मंत्रालय ने एनओसी जारी कर दी है। अब स्थानीय प्रशासन ने भी रिहा करने की तैयारी शुरू कर दी है। बहराइच एलआईयू की टीम गोरखपुर से उसे दिल्ली लेकर जाएगी। मोहम्मद मसरूर को 15 साल पहले बहराइच पुलिस ने नेपाल बॉर्डर के पास शक होने पर गिरफ्तार किया था। उस दौरान उस पर जासूसी के आरोप लगे थे। उस वक्त कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में जांच में पाया गया कि वह जासूसी सहित कई अन्य मामलों में दोषी नहीं है। उसे जासूसी के मामलों में उसे बरी कर दिया गया था, लेकिन बगैर पासपोर्ट वीजा के भारत में रहने के आरोप में वह जेल में बंद था। हालांकि इस अपराध के लिए तय सजा से ज्यादा सजा वह काट चुका है। कोर्ट से उसे रिहा करने के आदेश जारी होने के बाद गोरखपुर जेल से उसे बहराइच भेजा जाएगा। यहां से एलआईयू टीम उसे लेकर दिल्ली जाएगी। सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद मशरूर को पाकिस्तानी दूतावास के हवाले कर दिया जाएगा जहां से वह पाकिस्तान चला जाएगा। जेल अधीक्षक के अनुसार 2008 में नेपाल के रास्ते उसने भारतीय सीमा में प्रवेश किया था, इस दौरान बहराइच पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 15 साल बाद कोर्ट के आदेश पर उसे रिहा किया जा रहा है, इसके लिए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा गया था, वहां से एनओसी जारी होने के बाद रिहाई की प्रक्रिया पुरी की जा रही है।