बीएचयू में तेलुगु विभागाध्यक्ष पर जानलेवा हमला: दोनों हाथ तोड़े, CCTV खराब, प्रोफेसर समुदाय आक्रोशित

वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तेलुगु विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. चल्ला श्रीरामचंद्र मूर्ति पर सोमवार शाम को दिनदहाड़े दो बदमाशों ने हमला कर दिया। लोहे की रॉड से किए गए हमले में प्रोफेसर के दोनों हाथ टूट गए। घटना परिसर के भीतर हुई और प्रोफेसर को तुरंत ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपी पकड़े नहीं गए, जिससे नाराज होकर मंगलवार को 200 से अधिक प्रोफेसरों ने सिंहद्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने 24-48 घंटे पर वक्त मांग जिसके बाद विरोध प्रदर्शन समाप्त हुआ।
क्या है पूरा मामला
कला संकाय स्थित तेलुगु विभाग के अध्यक्ष प्रो. चल्ला श्रीरामचंद्र मूर्ति वरिष्ठ प्रोफेसर हैं। उनकी सेवानिवृत्ति को एक साल से कुछ ज्यादा का समय बचा हुआ है। सोमवार की शाम साढ़े छह बजे के आसपास प्रो. मूर्ति विभाग से बृजएन्क्लेव कॉलोनी स्थित अपने घर के लिए बाइक से रवाना हुए। उन्होंने बताया कि भोजपुरी अध्ययन केंद्र से बिरला चौराहे की तरफ बढ़ते ही दो युवकों ने अपनी बाइक उनके पीछे लगा दी। वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही बाइक पर पीछे बैठे युवक ने रॉड से उनके दाहिने हाथ पर प्रहार कर दिया। प्रो. मूर्ति ने बाइक रोकी तो युवक घूमकर आया और दूसरे हाथ पर भी रॉड से मारा। प्रो. मूर्ति सड़क पर गिर पड़े और मदद के लिए चिल्लाने लगे। चौराहे के आसपास मौजूद कुछ छात्र दौड़े तो बाइक सवार भाग निकले। हमले में प्रो. मूर्ति के दोनों हाथ टूट गए हैं। बाएं हाथ में मल्टिपल फ्रैक्चर है। ट्रॉमा सेंटर में उनका ऑपरेशन कराया गया।
अब जानते हैं बीएचयू के प्रोफेसर ने क्या कहा..
असिस्टेंट प्रोफेसर सुशील ने कहा - हम सभी ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित हो मेंन गेट से आने वाले सभी बाहरी व्यक्तियों की चेकिंग की जाए। इसके अलावा विश्वविद्यालय में भी हर चौराहे पर एक प्राक्टोरियल बोर्ड का सदस्य मौजूद रहे। सिंह द्वार पर विरोध के दौरान छात्रों ने ज्ञापन देते हुए 48 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी अध्यापकों पर हमला हुआ है लेकिन कोई मजबूत कार्रवाई नहीं हुई है जिससे हम सभी काफी आक्रोशित हैं।
एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार ने बताया कि हमले की जनाकारी मिलते ही पुलिस ने घायल प्रफेसर से बात की। उन्होंने हमलावरो और घटना स्थल और घटना के समय का पूरा डिटेल लिया गया है। पुलिस बीएचयू प्रोक्टोरियल टीम के साथ मिल कर हमलावरों के पहचान की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कुछ की पहचान भी हो गई है हम जल्द ही हमलावरों तक पहुंच जाएंगे और मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जिस स्थान पर प्रोफेसर पर हमला हुआ उसके 300 मीटर आगे बिरला चौराहे का कैमरा क्षतिग्रस्त है। पुलिस को सीसीटीवी फोटो निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। क्योंकि आरोपियों सही लोकेशन नहीं मिल पा रहा। हालांकि पुलिस ने कुछ युवकों की पहचान कर ली है जल्दी उनकी गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की जाएगी। इस पूरे मामले के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा इंटेलिजेंस भी पूरे कैंपस में एक्टिव है।
बीएचयू की सुरक्षा व्यवस्था
बीएचयू परिसर में चौकस सुरक्षा व्यवस्था रहे, इसके लिए सालाना करीब 10 करोड रुपये खर्च किए जाते हैं। परिसर में 700 से अधिक सुरक्षाकर्मी हैं। वहीं जब आईआईटी मामला हुआ तो बीएचयू कैंपस में परिसर के सिक्योरिटी प्लान के मुताबिक बीएचयू 375 कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। चिह्नित 90 स्पॉट पर इन्हें इंस्टॉल करना था। मुख्य मार्गों पर दोनों तरफ की लेन पर निगरानी के लिए अलग कैमरे लगने की बात कही गई। हालांकि यह सभी प्लानिंग कागज पर रही धरातल पर आज भी बीएचयू कैंपस के प्रमुख चौराहों के अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब है।
विभागों से मांगा गया है सीसीटीवी का डिटेल
प्रॉक्टर शिव प्रकाश सिंह ने बताया कि सभी विभागों को सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कुछ विभागों ने अब तक पालन नहीं किया है। इससे घटना के बाद वीडियो फुटेज जुटाने में मुश्किल हो रही है।