सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, खिचड़ी मेले में गांवों तक मिलेगी श्रद्धालुओं को परिवहन की सुविधा
वाराणसी (रणभेरी): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिचड़ी (मकर संक्रांति) मेला की तैयारियों को समय से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मकर संक्रांति मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि मेला में आने वाले श्रद्धालु ट्रैक्टर ट्राली की बजाय बस से आएं।
परिवहन निगम बस की व्यवस्था करे और प्रशासन लोगों को इसके लिए जागरूक करे। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन व आकाशवाणी के जरिये मेले का सजीव प्रसारण किया जाएगा ताकि वे लोग भी मेले में वर्चुअल सहभागी हो सकें, जो किसी कारण से इसमें शामिल नहीं हो पा रहे हों। मुख्यमंत्री ने खिचड़ी मेला को गोरखपुर महोत्सव से जोड़ने का निर्देश देते हुए कहा कि श्रद्धालु महोत्सव के कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। दो दिवसीय दौरे पर रविवार को गोरखपुर आए सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में लगने वाले खिचड़ी मेले की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग विभागों के अधिकारियों से खिचड़ी मेले से संबंधित तैयारियों की जानकारी ली।
इस दौरान सीएम ने खिचड़ी मेले तक पहुंचने के लिए खराब सड़कों को ठीक कराने, बिजली की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करने, हेल्थ कैंप लगाने, विशेष ट्रेन चलाने, पर्याप्त बसों की व्यवस्था करने, आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण कराने के निर्देश दिए। बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर एक माह से अधिक समय तक तक चलने वाला प्रसिद्ध खिचड़ी मेला लगता है। इस मेले में देश के कोने-कोने के साथ ही विदेश से भी श्रद्धालु आकर गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं। बैठक में एडीजी जोन अखिल कुमार, मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर, नगर आयुक्त अविनाश सिंह, सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे, रेलवे, लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सीएम योगी ने बैठक के दौरान जनपद में डेंगू की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने डीएम, सीएमओ व अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू की जांच, इलाज व रोकथाम की मुकम्मल व्यवस्था करें। हर मरीज का त्वरित उपचार होना चाहिए। साथ ही लोगों को लगातार जागरूक किया जाए, जिससे डेंगू को पनपने न दिया जाए।