सीएम साहब ! वीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों की कौन करेगा जांच

पत्रकार ने सीएम को भेजा प्रार्थना पत्र, ऑडियो के फोरेंसिक जांच की मांग
वीडीए के भ्रष्टाचार की पोल खोलता वायरल हुआ था ऑडियो, जोनल अफसर समेत कई अन्य की आवाज़ होने का गंभीर आरोप
ऑडियो क्लिप में जोनल अफसर शिवाजी मिश्रा की आवाज होने का दावा, नक्शा पास कराने और अवैध निर्माण में खुलेआम उगाही के सबूत
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका सनसनीखेज मामला रणभेरी अखबार ने सबके बीच पहले ही सामने ला दिया था। रणभेरी अखबार के उपसंपादक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर गंभीर आरोप लगाए हैं कि प्राधिकरण के कुछ अधिकारी और कर्मचारी अवैध निर्माण कराने व नक्शा पास कराने के नाम पर बड़े पैमाने पर धन उगाही कर रहे हैं। उपसंपादक ने अपने पत्र के साथ एक ऑडियो क्लिप का भी उल्लेख किया है, जिसमें जोन नंबर 1 के जोनल अफसर शिवाजी मिश्रा और अन्य कर्मचारियों की आवाज बताई जा रही है। यह ऑडियो क्लिप कथित रूप से भ्रष्टाचार और सौदेबाजी की हकीकत उजागर कर रही है। उपसंपादक ने मुख्यमंत्री को संबोधित प्रार्थना पत्र में लिखा है कि उन्होंने इस पूरे मामले की कई बार रिपोर्ट अपने समाचार पत्र में प्रकाशित की, परंतु अब तक किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पत्र में कहा गया है कि वीडीए में नक्शा पास कराने से लेकर अवैध निर्माण को वैध ठहराने तक के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं और इसके एवज में मोटी रकम की उगाही की जा रही है। इस खेल में जोनल अफसर से लेकर नीचे तक के कर्मचारी शामिल बताए जा रहे हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि मामले की जानकारी वाराणसी प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाई गई थी, परंतु भ्रष्टाचार का सिलसिला नहीं रुका। उपसंपादक का दावा है कि अब उसके पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जो इस घोटाले की असलियत को साबित कर सकते हैं। उसने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस पूरे प्रकरण की विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर जांच कराई जाए और ऑडियो क्लिप की फॉरेंसिक जांच भी कराई जाए ताकि दोषियों की आवाज की पुष्टि हो सके।
उपसंपादक ने कहा है कि जब भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों की आवाज तक अनसुनी की जा रही है, तो आम जनता के साथ न्याय की उम्मीद करना मुश्किल है। वाराणसी जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगर में विकास प्राधिकरण के नाम पर चल रहा यह भ्रष्टाचार जनता के विश्वास पर कुठाराघात है।
सूत्रों के अनुसार, वायरल ऑडियो क्लिप में जो बातचीत सुनाई दे रही है, उसमें कथित रूप से निर्माण कार्य से जुड़े कुछ बिंदुओं पर रकम तय करने की बात की जा रही है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। लेकिन उपसंपादक का दावा है कि यह आवाजें जोनल अफसर शिवाजी मिश्रा और उनके अधीनस्थ कर्मचारियों की हैं।
मामले के सामने आने के बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण के दफ्तरों में हड़कंप की स्थिति है। कई अधिकारी फिलहाल इस पर बोलने से बच रहे हैं। वहीं, सूत्र बताते हैं कि अंदरखाने इस पूरे मामले पर लीपापोती की कोशिशें भी चल रही हैं ताकि मामला शांत हो जाए। उपसंपादक ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया है कि वह व्यक्तिगत रूप से इस शिकायत की निगरानी करें और दोषी पाए जाने पर सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जब तक इस तरह के भ्रष्टाचारी तंत्र पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक आम जनता के अधिकारों की रक्षा असंभव है। स्थानीय नागरिकों ने भी प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण में बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता। आवासीय नक्शा पास करने से लेकर अवैध निर्माण के मामलों में कार्रवाई तक, हर जगह पैसों की खुली मांग की जाती है।
उधर, प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री स्तर से इस पर जांच के आदेश दिए जाते हैं, तो कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। भ्रष्टाचार के इस जाल में केवल जोनल अफसर ही नहीं, बल्कि अन्य उच्च अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। जनता और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस मामले की मॉनिटरिंग करें ताकि भ्रष्टाचार की गंदगी को पूरी तरह साफ किया जा सके और विकास प्राधिकरण की छवि पुनः बहाल हो सके।