बिखरते सामाजिक रिश्तों के बीच मेल-मोहब्बत की इफ़्तार पार्टी

बिखरते सामाजिक रिश्तों के बीच मेल-मोहब्बत की इफ़्तार पार्टी
  • पंचगंगा के पावन तट पर दिखी कौमी एकता की बेमिसाल नजीर
  • मस्तक पर केशरिया चंदन लगाये नौजवानों ने पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की नजीर

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में गंगा के पावन तट पंचगंगा घाट के ऐतिहासिक शाही आलमगीर मस्जिद (धरहरा) में पार्षद अजीत सिंह की सदारत में आयोजित रोजा इफ्तार की दावत में कौमी एकता की बेमिसाल नजीर देखने को मिली। माहे रमजान के 27 वें रोजे को आयोजित इस इफ्तार में बड़ी तादात में रोजेदारों ने ल़जीज इफ्तारी से रोजा खोला। इस इफ्तार पार्टी की खास बात यह रही कि चारो तरफ से हिंदू धार्मिक स्थलों से घिरे इस मस्जिद में इलाके के तमाम हिंदू भाईयों ने रोजेदारों की दिल से खिदमत की। मस्तक पर केशरिया चंदन लगाये नौजवानों की रोजेदारों के प्रति सेवा भावना ने एक बार पुन: गंगा-जमुनी तहजीब को बल प्रदान किया।

इफ्तार के आयोजक इलाके के पार्षद अजीत सिंह ने इस मौके पर बताया कि संविधान में हर एक नागरिक को धर्म व उपासना की स्वतंत्रता प्रदान की गई है।  गंगा-जमुनी तहज़ीब एक सगुण अवधारणा है, और वह हमारे आचरण से प्रदर्शित होनी चाहिए। वाराणसी विश्व पटल पर अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है। यहां कि गंगा-जमुनी तहजीब का बखान दुनिया भर के विभिन्न सम्प्रदाय के लोगों के बीच होना ही हमारे लिए गर्व की बात है। यहां के मंदिरों के घंटा-घड़ियाल की धुन और मस्जिदों की अजान की सदाओं का अनोखा संगम हिंदू-मुस्लिम एकता की बेमिसाल नजीर प्रस्तुत करती है। पार्षद ने बताया कि जिस गंगा-जमुनी संस्कृति और सभ्यता की दुहाई दुनिया भर में दी जाती है दरअसल उस संस्कृति और सभ्यता का उद्गम स्थल यहीं गंगा मईया का पावन तट है जहां पांच नदियों गंगा,जमुना,सरस्वती,किरणा एवं धूपपापा का संगम स्थल है। इन्ही पांच नदियों के संगम के कारण ही इस स्थान का नाम पंचगंगा पड़ा। इस मस्जिदों के चारो तरफ पांच ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है,जिनमें मुख्य रूप से बाबा तैलंग स्वामी का मठ, बिंदू माधव का प्राचीन मंदिर,जगद्गुरु रामानंदाचार्य के शिष्य स्वामी रामनरेशाचार्य का पवित्र स्थान ‘श्रीमठ’, माता मंगलागौरी का प्राचीन मंदिर तथा श्री गोकर्ण मठ है। गंगा की पवित्र धारा के तट पर यह ऐतिहासिक मस़्िजद ही गंगा जमुनी तहजीब का उद्गम स्थल है।

इफ्तार के इस पाक मौके पर समाज के विभिन्न वर्गों एवं समुदायों के लोगों ने एक साथ रोजा खोलकर कौमी एकता का बेहतरीन संदेश दिया। इस इफ्तार पार्टी में तमाम इज्जतदार व मानिंद लोगों ने शिरकत की जिसमें मुख्य रूप से मौलाना मोहम्मद अहमद साहब, शादिक अली मुतवल्ली, समद अंसारी (पूर्व विधायक), बाबू लाल भाई, मनीष गुप्ता, गोपाल पाण्डेय, मुकेश सिंह, विनोद जायसवाल, सरोज शर्मा, तुफैल अंसारी, मनीष पाल, चंदन तिवारी, अमीनुद्दीन भाई, आशीष यादव, महफूज हुसैन, राजेश यादव (बाबू), आकिब खान, डॉ. संजय सोनकर, रोहित यादव, मुन्ना दूबे,मनीष पाल, राशिद अली, मुन्ना भाई, किर्तन चौधरी, सुखलाल, शम्भूनाथ, राजू यादव, चंदन तिवारी इत्यादि लोग मौजुद रहे।