BHU अस्पताल में इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे की मौत, परिजनों ने मुख्य गेट को बंद कर लगाई न्याय की गुहार

BHU अस्पताल में इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे की मौत, परिजनों ने मुख्य गेट को बंद कर लगाई न्याय की गुहार

(रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सरसुंदरलाल अस्पताल में इलाज के बच्चे की दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्य द्वार बंद कर जमकर हंगामा किया। कहा कि डाक्टर ने बाहर से मंगवाकर इंजेक्शन लगवाया। इसके बाद बच्चे की मौत हो गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने परिजनों को समझाकर शांत कराया। भिटी के प्राचीन नगर निवासी रामेश्वर यादव का 40 दिन का बच्चा बीमार होने पर पिछले 13 दिनों से भर्ती था। उसका इलाज चल रहा था। 

परिजनों के अनुसार बच्चे के स्वास्थ्य में इधर बीच काफी सुधार हो गया था। ऐसी उम्मीद थी कि डाक्टर उसे दो दिन बाद डिस्चार्ज कर देंगे। सोमवार की देर रात चिकित्सक ने एक इंजेक्शन मंगवाया। इस इंजेक्शन को बीएचयू के मेडिकल स्टोर की बजाय बाहर से ले आने के लिए बोला जाता है। ऐसे में परिजनों ने न्यू मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन लाकर डाक्टर को दिया। आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के बाद मंगलवार की भोर में बच्चे की मौत हो गई। इससे परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल का मुख्य द्वार बंदकर हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों के साथ आए राहुल यादव लकी ने कहा कि रात में बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था, लेकिन किसी नर्स ने दवा लिखी और बाहर न्यू मेडिकल स्टोर से लाने के लिए बोला। बाहर की फर्जी इंजेक्शन लगाने के बाद ही बच्चे की मौत हो गई। चिकित्सक और मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।

चिकित्सक दलाली के लिए बाहर की दवा मंगाते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। बच्चे के पिता रामेश्वर यादव ने लिखित शिकायत करते हुए बताया कि 23 मार्च को बच्चे को बाल रोग विभाग में भर्ती कराया था। बच्चे की सेहत में पिछले दो दिनों में काफी सुधार हो गया था। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल की रात में बाहर के एक मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन लाने को कहा गया। जैसे ही इंजेक्शन लगा, तो बच्चे का पूरा शरीर नीला होने लगा। उन्होंने लिखित शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने रात में बच्चे को देखने से मना कर दिया, इसके बाद ही बच्चे की मौत हो गई।