बुद्ध पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई पुण्य की डुबकी
वाराणसी (रणभेरी)। सनातन धर्म में व्रत त्योहार और स्नान इत्यादि का महत्व माना जाता है। अलग-अलग तिथि पर अलग-अलग स्नान पूरे होते हैं। आज वैशाख पूर्णिमा का पर्व है। धर्मनगर काशी में वैशाख पूर्णिमा के मौके पर गंगा में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। सुबह से ही गंगा में स्नान और दान पुण्य का क्रम चलता रहा। धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में दूर-दूर से लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। किसी विशेष पर्व के मौके पर गंगा स्नान का सिलसिला लगातार चलता रहता है। वहीं गंगा स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जल पुलिस व एनडीआरएफ की टीम सतर्क है। वहीं वैशाख पूर्णिमा पर शहर के मंदिरों में भी विविध अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इसे लेकर कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। मंदिरों में घंट-घड़ियाल की गूंज सुनाई दे रही है।
यह है मान्यता
आज वैशाख पूर्णिमा का पावन पर्व है जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पंडित अजय तिवारी का कहना है कि गंगा में स्नान का क्रम कार्तिक और वैशाख में पूरे महीने चलता है। यदि वैशाख के पूरे महीने गंगा स्नान न कर पाए तो वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान करने से पूरे वैशाख महीने के स्नान का फल प्राप्त होता है। यही वजह है कि आज वैशाख पूर्णिमा के पावन पद पर गंगा में डुबकी लगाने वालों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी हुई है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन यदि गंगा नदी सरोवर या किसी तालाब में स्नान करने के बाद दान पुण्य किया जाए तो पूरे जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। अजय तिवारी ने बताया कि गर्मी का मौसम में आज ऋतु फल पानी भरा मटका और गर्मी से राहत की जो भी वस्तु है वह दान करने की परंपरा है।