जुए के जाल में फंसे बनारसी युवा

जुए के जाल में फंसे बनारसी युवा

हीरोइन से भी खतरनाक हो चुका है जुआ का नशा जिससे बढ़ रहा अपराध और चोरी की घटनाएं 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जुए का कारोबार इन दिनों चरम पर है। जुए की लत ने हजारों घरों को प्रभावित किया है। यह समस्या न केवल समाजिक दृष्टिकोण से गंभीर है, बल्कि यह कानून व्यवस्था के लिए भी एक चुनौती बन गई है। कई बार जुए के अड्डों की स्थितियों को उजागर किया गया है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। खासकर थाना सिगरा क्षेत्र में जुआ का खेल खुलेआम चल रहा है, और इस पर पुलिस अधिकारियों की आंखें मूंदे रहने की शिकायतें तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, थाना सिगरा के सामने स्थित एक पार्क में दिन-रात जुआ खेला जाता है, और थाना प्रभारी को इसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। यह स्थिति अजीब नहीं, बल्कि चिंताजनक है, क्योंकि यह दशार्ता है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन में गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार है। जानकारी के अनुसार, पुलिस अधिकारियों और जुआ संचालकों के बीच गहरे संबंध हैं, जिनकी वजह से जुए के अड्डों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। कई बार स्थानीय पत्रकारों द्वारा इस मुद्दे को उजागर किया गया, लेकिन मामला हमेशा ही दबा दिया जाता है।
यह समस्या न केवल वाराणसी, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है। जुआ खेलने वाले लोग अब न केवल अपनी बचत, बल्कि अपने घर भी बेचने को मजबूर हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, मदनपुर क्षेत्र में एक व्यक्ति ने 80 लाख रुपये हारने के बाद अपना घर बेच दिया। इसके बावजूद, पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। और तो और, जुआ की कड़ी पकड़ में आने के बाद भी पुलिस द्वारा किसी को दोषी नहीं ठहराया जाता

स्थानीय स्तर पर पुलिस चौकी और थानों पर सीसीटीवी फुटेज भी यह दशार्ता है कि जुआरी और उनके सहयोगी खुलेआम वहां आते-जाते हैं। वदीर्धारी अधिकारियों के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि वे खुद जुए के कारोबार से जुड़ गए हैं। उनके निजी मोबाइल नंबर की जांच से यह साफ हो सकता है कि वे जुआ संचालकों से किस हद तक जुड़े हुए हैं। पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के नाम पर जो वसूली हो रही है, उसका खुलासा होना चाहिए। अगर इस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो इस अपराध का खुलासा किया जा सकता है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों लल्लापुरा, सोनिया, नगर निगम, लंका, चितईपुर, मंडुआडीह, लोहता के आसपास खुलेआम चल रहे हैं। इन अड्डों पर खेल रहे लोग न केवल अपनी व्यक्तिगत संपत्ति गंवा रहे हैं, बल्कि समाज में अपराध और अशांति भी बढ़ा रहे हैं। कुछ लोग जो पहले सामान्य व्यवसाय करते थे, अब जुआ खेलने के बाद करोड़पति बन गए हैं। वहीं, इन जुआ अड्डों के आस-पास अपराध की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। छोटे-मोटे चोरियां और अन्य अपराध पुलिस थानों तक नहीं पहुंच पाते, क्योंकि पीड़ितों को यह बताया जाता है कि उनकी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं होगी। पुलिस अगर चाहे तो सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य जांच के माध्यम से जुआ संचालकों और उनकी मदद करने वाले पुलिस अधिकारियों के बीच के नेटवर्क का पदार्फाश किया जा सकता है। इस मामले की गहन जांच से निश्चित ही कई परिवारों को टूटने और बर्बाद होने से बचाया जा सकता है।