BHU के हिंदी विभाग में पूर्व छात्रों ने जड़ा ताला: पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में धांधली का आरोप, चार महीने बाद भी नहीं आई रिपोर्ट
(रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग की शोध प्रवेश परीक्षा में अनियमितता आरोप लगाया। इसके साथ ही दोनों पूर्व छात्र आज दोबारा
हिंदी विभाग के मेन गेट पर अपना ताला लगाकर अंदर जाकर धरने पर बैठ गए। दोनों पूर्व छात्रों का कहना है कि शोध प्रवेश परीक्षा में अनियमितता हुई है। उस संबंध में कुलपति द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट चार महीने बाद भी नहीं मिली है। छात्रों का कहना है कि कमेटी जब तक रिपोर्ट नहीं देगी तब तक हम विभाग के अंदर ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे। धरने पर बैठे बीएचयू के पूर्व छात्र उमेश यादव ने कहा कि शोध प्रवेश परीक्षा-2022 में अनियमितता के संबंध में हम लोग बीती 8 अगस्त को धरने पर बैठे थे।
हमारे धरने के कारण शोध प्रवेश परीक्षा में हुई धांधली की पड़ताल के लिए 25 अगस्त को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की गई। मगर, चार महीने बीतने को आए और फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने आज तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी। विश्वविद्यालय प्रशासन हमें गुमराह कर हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इसलिए हम हिंदी विभाग के मेन गेट पर ताला बंद कर अंदर धरना दे रहे हैं। उमेश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में धरने पर बैठे पर हमें जबरन उठा दिया जाता है। इसलिए हमने अपने हिंदी विभाग में ही धरने पर बैठने का निर्णय लिया है। हम तब तक यहां धरना देते रहेंगे और गेट नहीं खोलेंगे जब तक कि हमें फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट नहीं दे दी जाती है। उधर, विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षा कर्मी और हिंदी विभाग के प्रोफेसर दोनों पूर्व छात्रों को समझा-बुझाकर गेट खुलवाने के प्रयास में लगे हुए हैं।