कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों में पास, राष्ट्रपति के पास भेजा गया
(रणभेरी): संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों में पास हो गया है। यह बिल अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया। इसके तुरंत बाद ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के बीच हंगामे के बीच ही बिल राज्यसभा में पास हुआ। वहीं, लोकसभा कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच पहले लोकसभा में कृषि क़ानून निरसन विधेयक, 2021 पारित हुआ। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में विधेयक पर चर्चा की मांग की थी। लोकसभा में विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानून वापसी का बिले पेश किया। लोकसभा में पास होने के बाद इसे राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई है। विपक्ष द्वारा हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पारित हो गया। इसके साथ ही संसद में कृषि कानून वापसी का बिल पास हो गया है।इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कानून वापसी पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष से कहा कि आप चर्चा चाहते हैं तो हम वो करवाने को तैयार हैं, लेकिन विपक्ष ने नारेबाजी जारी रखी। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
वही संयुक्त किसान मोर्चा के लीडर राकेश टिकैत ने कहा, "कृषि कानून वापस हो चुके हैं, लेकिन अब MSP और किसानों की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए। हम 4 दिसंबर को एक बैठक करेंगे और उस पर आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से शांति और मर्यादा बनाए रखने की अपील की। PM ने कहा कि संसद में सवाल हो, लेकिन शांति भी बनी रहे। हमारी पहचान इस बात से हो कि हमने सदन में कितने घंटे काम किया, न कि इस बात से कि सदन में किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका। प्रधानमंत्री का इशारा विपक्ष के हंगामे की तरफ था।
कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर कांग्रेस ने संसद परिसर में धरना दिया। इसमें कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल समेत पार्टी नेता शामिल हुए। आज ही संसद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषि कानून वापसी बिल पेश करेंगे, जिसे लेकर सांसदों को भेजे गए संसदीय नोट की भाषा पर विवाद खड़ा हो चुका है।