वाराणसी में अधिवक्ता पुत्र की गोली मारकर हत्या, आक्रोशित वकीलों ने किया विरोध-प्रदर्शन, आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

वाराणसी में अधिवक्ता पुत्र की गोली मारकर हत्या, आक्रोशित वकीलों ने किया विरोध-प्रदर्शन, आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में एक सनसनीखेज़ मामला सामने आया है। शिवपुर क्षेत्र के चांदमारी स्थित ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल के छात्र अधिवक्ता पुत्र की गोली मारकर हत्या की घटना से वकीलों में आक्रोश है। अधिवक्ताओं ने घटना के दूसरे दिन बुधवार को कलेक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। साथ ही जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार को पत्रक सौंपकर आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। डीएम ने घटना की जांच कराने का भरोसा दिलाया। 

ज्ञानदीप स्कूल के डायरेक्टर के घर की पार्किंग एरिया में बने कमरे में लाश मिली। मौके पर छात्र के 2 दोस्त मौजूद थे। उनकी मदद से ही लहूलुहान छात्र को हॉस्पिटल ले जाया गया था। डॉक्टर के मुताबिक, छात्र की कनपटी पर गोली लगी, जो आर-पार हो गई। इसके 2 घंटे बाद शिवपुर थाने पर वकीलों इकट्‌ठा होने लगे। हंगामा शुरू हो गया। लेट नाइट 9 बजे पुलिस ने FIR लिखी। इसके बाद थाने में हो रहा हंगामा शांत हो गया। FIR में स्कूल प्रबंधक के बेटे यजुवेंद्र सिंह उर्फ रवि, शशांक और किशन को नाम लिखा गया है। इसमें शशांक और किशन छात्र हेमंत के दोस्त थे। यही तीनों लोग उस कमरे में मौजूद थे।

पेशे से अधिवक्ता कैलाशचंद्र वर्मा के पुत्र और ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल के छात्र हेमंत को गोली कनपटी पर गोली लगने से मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने स्कूल के असिस्टेंड डायरेक्टर रवि सिंह और हेमंत के छात्र को हिरासत में लिया है। घटना के बाद अधिवक्ता शिवपुर थाने पहुंचे थे। इस दौरान हंगामा किया था। मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। कहा कि तहरीर बदल दी गई। पुलिस ने अपने हिसाब से मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए यह काला दिन है। घटना के बाद थाने पर गए थे, तहरीर दी गई थी, लेकिन तहरीर बदलकर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस की मंशा साफ है। हालांकि अधिवक्ता समाज न्याय के लिए लड़ाई लड़ेगा। यहां से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इसकी लड़ाई लड़ी जाएगी। अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर मामले से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने किसी सीनियर आईपीएस अधिकारी से घटना की जांच कराने का आश्वासन दिया।