जान चली जाए पर हम अपनी जमीन नहीं देंगे : किसान
वाराणसी(रणभेरी)। खालीसपुर में पिंडरा काशी द्वार परियोजनाओं को रद्द करने के विरोध में शुक्रवार को 17वें दिन भी क्रमिक अनशन जारी रहा। धरने पर बैठे किसान उग्र दिखे और आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाई। कहा कि काशी द्वार को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कोई भी बयान न देने से किसान आक्रोशित है। किसी भी तरह की घटना होने पर प्रशासन जिम्मेदार होगा। बीते देर शाम गुरुवार को धरने में पहुंची पूर्व विधायक ऊदल की पुत्री रामा ऊदल ने कहा कि पिंडरा एक उपजाऊ भूमि वाला क्षेत्र है, यहां नकदी फसलों के साथ बहुफसली खेती होती है और सबके जीविकोपार्जन का साधन है। सरकार को इस पर नए सिरे से बात करने की जरूरत है। किसान न्याय मजदूर मोर्चा के जिला अध्यक्ष फतेहनारायण सिंह ने बताया कि हम लोग आज 17वें दिन धरने पर बैठे हैं। लेकिन सरकार द्वारा कोई दिशा-निर्देश नहीं आया अब हम लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसके जिम्मेदार सरकार खुद होगी। वहीं किसान संतोष पटेल ने बताया कि यह धरना तब तक चलेगा जब तक की किसान की जान में जान रहेगी। जान चली जाए पर हम लोग अपनी जमीन किसी भी सूरत में सरकार को नहीं देंगे। हम सब किसानों ने एकदम ठान लिया है, इसी वजह से तहसील परिसर के बाहर हम लोग 24 घंटे अनशन पर बैठे हैं। यदि सरकार नहीं सुनी तो हम लोग भूख हड़ताल भी करेंगे। इस मौके पर अशोक पटेल, रामजी सिंह, जवाहरलाल दुबे, शिव बहादुर सिंह, प्यारेलाल, राजकुमार पटेल, अनूप पटेल, राजनाथ, दूधनाथ, सियाराम, संतोष पटेल, गिरधारी,अनिल, संतोष, सत्यनारायण, बच्चेलाल, शिवशंकर, आशीष समेत अनेक किसान मौजूद रहे।