मंदिर-मंदिर पातें, गली-गली बारातें

मंदिर-मंदिर पातें, गली-गली बारातें
मंदिर-मंदिर पातें, गली-गली बारातें

वाराणसी (रणभेरी)। शिवभक्तों की आस्था के सबसे बड़े उत्सव महाशिवरात्रि पर काशी में बाबा विश्वनाथ दरबार में हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे। विश्वनाथ धाम में लाखों भक्तों की कतार लगी है। भोर से ही भक्त बाबा के दर्शन को आतुर दिख रहे हैं। सुबह 4 बजे से लेकर दो बजे तक साढ़े सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। भोर में 4 बजे जब जनसामान्य के लिए मंदिर के पट खोले गए उस समय दर्शनार्थियों की कतार दक्षिण में गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक पहुंच चुकी थी। उत्तर में ज्ञानवापी से शुरू हुई कतार चौक, नीचीबाग, बुलानाला होते मैदागिन चौराहे के आगे तक थी। स्थिति यह कि जितने भक्त दर्शन के लिए बढ़ते उतने ही और आकर कतार में लग जाते। लग ही नहीं रहा था कि भक्तों की भीड़ का दबाव कभी कम भी हुआ। दर्शनार्थियों की सुविधा की दृष्टि से किए गए प्रबंधों की लगातार निगरानी के लिए सीपी और सीईओ काशी विश्वनाथ मंदिर लगातार विभिन्न सुरक्षा प्वाइंटों का निरीक्षण करते दिखे। वह सुरक्षाकर्मियों को ताकीद करते भी सुने गए कि भक्तों के साथ हर हाल में अच्छा व्यवहार किया जाए।

सड़क और घाट पर रहे सुरक्षा के चौकस प्रबंध

महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालुओं के श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचने को लेकर पहले से ही सुरक्षा और व्यवस्था का खाका खींच लिया गया था। तैयारियों के अनुरूप पुलिस अफसर से लेकर सिपाही तक ड्यूटी प्वाइंट पर तैनात रहकर सुरक्षा में लगे रहे। घाट, सड़क के साथ ही गंगा में भी निगहबानी रही। सुचारु व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई थी। नतीजतन बाबा धाम में श्रद्धालु सुचारु दर्शन कर बाहर निकलते रहे। भीड़ प्रबंधन से लेकर सुरक्षा, श्रद्धालुओं के बाबा धाम में गर्भगृह तक पहुंचकर दर्शन, इसके बाद बाहर निकासी के लिए समुचित व्यवस्था थी। भीतर जिग-जैक रेलिंग से होते ही बाबा के भक्त गर्भगृह तक पहुंचे और दर्शन, जलाभिषेक किया। इसके बाद बाहर निकलते रहे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के अंदर और बाहर बेहतर प्रबंधन से राहत रही।

भक्तों पर पुष्प वर्षा

क़तारबद्ध भक्तों पर मंदिर प्रशासन की ओर से पुष्प वर्षा की गई। सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने भक्तों पर पुष्प बरसाए और उनका धाम में स्वागत किया।

शिवालयों में आस्था की क़तार

महाशिवरात्रि पर केदारेश्वर खंड स्थित गौरीकेदारेश्वर एवं तिलभांडेश्वर महादेव तथा ओंकारेश्वर खंड स्थित ओंकारेश्वर महादेव, महामृत्युंजय महादेव, जोगेश्वर महादेव मंदिर में स्थानीय आस्थावानों की भीड़ हुई। केदारघाट स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर भोर में 3 बजे भक्तों के लिए खोला गया। तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर में भोर में 4 बजे से दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हुआ। आसपास के मोहल्ले के लोग तो पहुंचे ही केरल से आए भक्तों के दल ने भी विशेष अर्चना की। दारानगर स्थित महामृत्युंजय महादेव मंदिर में दर्शन के लिए मछोदरी से अंधरापुल, नदेसर, कचहरी, पांडेयपुर इलाके तक के लोग भोर से ही कतार में थे। ओंकारेश्वर मंदिर में मंगला आरती के दर्शन के लिए सैकड़ों भक्त पहुंचे थे। ईश्वरगंगी स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर भी काफी भक्त पहुंचे। बीएचयू वीटी में हॉस्टल लेन तक पहुंची कतार बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर (वीटी) में हजारों लोगों ने पूजा-अर्चना की। सुबह 9 बजे के बाद मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ काफी बढ़ गई। भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दर्शनार्थियों की कतार हॉस्टल वाली लेन तक पहुंच गई थी।

होगी चार पहर की आरती

महाशिवरात्रि पर काशी पुराधिपति के विवाह उत्सव को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन बाबा का शयन आरती नही होता बल्कि पूरी रात्रि वैदिक रीति से बाबा विश्वनाथ के विवाह की रस्म अदा की जाती है। जो चार फहर की आरती के दौरान पूरी होती है। पहली पहर की आरती रात्रि 11 बजे से 12.30 बजे तक, दूसरी पहर की आरती देर रात्रि 1.30 बजे से 2.30 बजे तक, तीसरी पहर की आरती अगली भोर 3 बजे से 4.45 बजे तक और चौथे पहर की आरती भोर 4.55 से 5.30 बजे समाप्त होगी।

उड़ता है अबीर गुलाल

बाबा विश्वनाथ के वैवाहिक उत्सव के दौरान पूरे मन्दिर प्रांगण में जमकर अबीर गुलाल उड़ता है और लोग उत्सव मनाते है।शिवरात्रि पर्व के दौरान पूरे मन्दिर प्रांगण की भव्य सजावट की गई हैं।

तिलभांडेश्वर मंदिर से निकली शिव बारात

शिव की नगरी काशी में तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर से महादेव की भव्य शिव बारात निकली। शिव बरात निकली तो पूरा इलाका झूम उठा।  तिलभांडेश्वर महादेव शिव बारात समिति के तत्वावधान में दोपहर बाद निकली शिव बरात में घोड़ा, ऊंट, नंदी बैल, सपेरा, मदारी सरीखे विभिन्न प्रतिरूप शामिल थे। यह बरात पांडेय हवेली, देवनाथपुरा, पाण्डेयघाट, राजाघाट, नारद घाट, केदारघाट, हरिश्चंद्र घाट, चेतसिंह किला से शिवाला सोनारपुरा, डेवड़ियावीर मंदिर होते पुनः तिलभांडेश्वर मंदिर पहुंची। शिव बारात में डमरू बजाते लोग सबसे आगे चल रहे थे। काली जी के विभिन्न प्रतिरूप कई तरह के करतब करते हुए चल रहे। रास्ते भर हरहर महादेव का नारा शिवभक्तभ लगते चल रहे थे।  बारात शोभायात्रा में  ऊंट, घोड़ा, लाग विमान, मदारी, भूत-पिशाच, अघोरी, हा हा, हू हू और दिव्यांगों की टोली व दक्षिण भारत तामिनाडु के मदुरई से आए हुए वाद्य-मैत्र के साधक बाबा की शोभायात्रा को और भव्य बना रहे थे। शिव बारात मे श्री काल भैरव जी सर्प को जिन्दा मुख में डालते हुए चल रहे थे। 

काशी में शिव विवाह के साक्षी बनेंगे शिवभक्त 

महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवभक्त भगवान शिव और माता गौरा के विवाह के साक्षी बनेंगे। पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का आवास जनवासा बनेगा तो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह मंडप में तब्दील हो जाएगा। शिवयोग, सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि योग और शुक्र प्रदोष के संयोग में महाशिवरात्रि का महापर्व मनेगा। भगवान शिव और मां गौरा के विवाहोत्सव के आयोजन होंगे।
मदुरै से आए जोड़े में सजेंग शिव-पार्वती

महाशिवरात्रि पर आठ मार्च को टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर होने वाले वैवाहिक कर्मकांड के दौरान बाबा विश्वनाथ और गौरा की चल प्रतिमा के लिए मदुरै से वस्त्र भेजे गए हैं। मदुरै के मीनाक्षी सुंदेश्वर मंदिर के पुजारी पं. एसके. रमन शास्त्री एवं उनकी पत्नी सुंदरता लक्ष्मी बाबा और गौरा के विवाह का जोड़ा लेकर गुरुवार को काशी पहुंचे। उन्होंने विवाह का जोड़ महंत आवास पहुंच कर पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी के पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी को सौंपा। पं. एसके. रमन शास्त्री ने कहा कि जब मुझे यह सूचना मिली कि विवाहपूर्व लोकाचार के लिए अयोध्या के प्रसिद्ध रामायणी पं. वैद्यनाथ पांडेय के पुत्र पं. राघवेश पांडेय ने अयोध्या से हल्दी प्रेषित की है उसी समय उन्होंने तय कर लिया था कि महंत अवास पर होने वाले वैवाहिक अनुष्ठान के दौरान बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती को अर्पित करने के लिए वस्त्रों का जोड़ा मैं अपनी तरफ से भेंट करुंगा। महाशिवरात्रि के दिन महंत आवास पर होने वाले वैवाहिक कर्मकांड के दौरान बाबा और गौरा की चल प्रतिमाओं को यही जोड़ा धारण कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एक तरफ काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का विवाह होता है तो ठीक उसी समय महंत आवास पर भी विवाह के विधान पूर्ण किए जाते हैं। महंत आवास पर यह परंपरा विश्वनाथ मंदिर के स्थापना काल से अनवरत चली आ रही है।

गंगा घाटों पर सुरक्षा में एनडीआरएफ तैनात

महाशिवरात्रि पर्व पर काशी विश्वनाथ धाम और गंगा घाटों पर श्रद्धालु भारी संख्या में उमड़ रहे हैं उनकी सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ के बचावकर्मियों को सभी प्रमुख घाटों पर तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों को विभिन्न घाटों जैसे नमो घाट, राजघाट, शीतला घाट, मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट, प्रयाग घाट, दशाश्वमेध घाट, त्रिपुराभैरवी घाट, मानमंदिर घाट और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में गंगा नदी में तैनात किया गया है, इसके साथ ही गंगाजी में बोट के माध्यम से पेट्रोलिंग भी की जा रही है। मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक ने बताया कि, एनडीआरएफ की मेडिकल टीम वाटर अम्बुलेंस के साथ विभिन्न घाटों पर उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं के प्राथमिक उपचार एवं सहायता के लिए तैनात है। दशाश्वमेध घाट पर मेडिकल कैंप भी आयोजित किया गया है। जिसमें एनडीआरएफ के डॉक्टर विवेक सिंह, उप कमांडेंट मेडिकल टीम के साथ मौजूद है। दो टीमें 20 बोट और बचाव कर्मियों के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात है जिसमें गोताखोर और पैरामेडिक्स स्टाफ डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य आधुनिक बचाव उपकरणों के साथ मौजूद हैं।