विश्वनाथ धाम के पास अनूठा राम रमापति बैंक
वाराणसी (रणभेरी): मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मोत्सव पर शिव की नगरी काशी में हर ओर उल्लास बिखरा है। आज गंगा की लहरों पर जहां भगवान राम की झांकी सजेगी, वहीं राम रमापति बैंक में भक्त राम नाम का खजाना जमा करा रहे हैं। राम नवमी पर रविवार सुबह बैंक खुलने के साथ ही खजाने को भक्तों के दर्शन के लिए रख दिया गया है। राम भक्त नए खाते खोलेंगे। शिव की नगरी में स्थापित इस राम रमापति बैंक में भक्त पुण्य जमा करके राम नाम का कर्ज लेते हैं। बनारस में दशाश्वमेध के पास त्रिपुरा भैरवी घाट पर 95 साल से संचालित होने वाले राम रमापति बैंक में मन के भाव को राम नाम की भक्ति में डुबोकर कागज पर लिखा जाता है और जमा कर दिया जाता है।
अरबों में रामनाम और शिवनाम जमा
इस बैंक में 19 अरब 39 करोड़ 59 लाख 25 हजार श्री रामनाम तथा सवा करोड़ श्री शिवनाम जमा हैं। राम नवमी पर भक्त यहां भगवान के नाम की परिक्रमा करके पुण्य लाभ कमाते हैं। बैंक में उपभोक्ताओं को कर्ज के रूप में सवा लाख जय श्रीराम नाम का कर्ज दिया जाता है। इसे रामभक्त को नियमानुसार भरना पड़ता है।
बैंक भक्त को राम बुक से लेकर कलम तक मुहैया कराई जाती है। हर साल रामनवमी पर भक्त यहां खाता खुलवाने आते हैं। राम रमापति बैंक के संयोजक आशीष मेहरोत्रा ने बताया कि जो लोग यहां आते हैं उनकी राशि व नाम से एक शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। इसके बाद फॉर्म भराया जाता है। इसके लिए एक नियम की पुस्तक उन्हें फॉर्म भरने के पहले दी जाती है।
पालन करने होते हैं नियम
रामभक्त को प्याज लहसुन नही खाना होता है। मांस-मदिरा का सेवन निषेध होता है। किसी की मृत्यु व बच्चे के जन्म के वक्त का अशुद्ध खाना नहीं खाना है। जूठा खाना नहीं खाना है। इन सारी चीजों का परहेज करते हुए राम नाम लिखना होता है। जैसे ही अनुष्ठान पूरा हो जाता है, उसे विधिवत पूजा कर राम नाम बैंक में जमा कर दिया जाता है।