थानाध्यक्ष ने कॉन्स्टेबल को छुट्टी मांगने पर डांटा:नहीं दिया अवकाश, इलाज के अभाव में पत्नी ने तोड़ा दम
बलिया । छुट्टी नहीं मिलने के कारण इलाज के अभाव में यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की पत्नी की मौत हो गई। कॉन्स्टेबल की पत्नी की तबीयत खराब थी। वह थानाध्यक्ष के पास छुट्टी की अर्जी लेकर गया। लेकिन थानाध्यक्ष ने उसकी एक न सुनी और छुट्टी देने या सहानुभूति दिखाने के बजाए डांटकर उसे भगा दिया। दो दिन बाद आरक्षी की पत्नी की मौत हो गई। पत्नी की मौत से आहत कॉन्स्टेबल और उसके परिजनों ने एसपी को पत्र लिखा है। जिसमें उसने थानाध्यक्ष की शिकायत की है। मामला सिकन्दरपुर थाने से सम्बन्धित है। जहां पुलिसकर्मी की तैनाती है।
बलिया के सिकंदरपुर थाने में तैनात सिपाही प्रदीप कुमार सोनकर का आरोप है कि छुट्टी मांगने पर थानाध्यक्ष ने अवकाश नहीं दिया। जिसकी वजह से इलाज के अभाव में पत्नी मनीषा की मौत हो गई। पत्नी की असामयिक मौत से मर्माहत आरक्षी का भी इलाज चल रहा है। उधर घटना से दुखी परिजनों ने थानाध्यक्ष की मनमानी और तानाशाही के खिलाफ एसपी बलिया और डीआईजी सहित अन्य अधिकारियों से एक्स पर पोस्ट कर न्याय की गुहार लगाई है।
2019 बैच में हुई थी ज्वाइनिंग
कौशांबी के शहजादपुर निवासी सिपाही प्रदीप कुमार सोनकर 2019 बैच के हैं। पत्नी की मौत से दुखी प्रदीप की स्थिति भी ठीक नहीं है। प्रदीप के छोटे भाई और मां ने बताया कि 27 जुलाई को अचानक प्रदीप की पत्नी मनीषा की तबीयत खराब हो गई। जिसकी तत्काल सूचना प्रदीप को दी गई। सूचना के आधार पर प्रदीप ने थानाध्यक्ष से छुट्टी की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने अवकाश के प्रार्थना पत्र को अस्वीकर करते हुए डांट कर भगा दिया। इस बीच मनीषा की तबीयत बिगड़ती चली गई।
6 महीने के बेटे को छोड़ गई मां
परिजनों ने स्थानीय स्तर पर एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया। लेकिन चिकित्सकों ने मनीषा को अन्यत्र ले जाने की सलाह दी। परिजन मनीषा को लेकर स्वरूपरानी अस्पताल प्रयागराज पहुंचे। जहां मनीषा ने दम तोड़ दिया। 29 जुलाई को प्रदीप डाक लेकर घर के लिए निकला, लेकिन पहुंचने से पूर्व ही पत्नी के मौत की खबर उस तक पहुंच गई। आरक्षी का एक 6 माह का पुत्र है।
छुट्टी के अभाव में पत्नी का नहीं करा पाया बेहतर इलाज
आरक्षी के परिजनों का आरोप है कि थानाध्यक्ष की असंवेदनशीलता के कारण प्रदीप समय रहते पत्नी का इलाज नहीं करा पाया। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। घटना के बाद सिपाही ने छुट्टी की अर्जी पर थानाध्यक्ष द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को रेखांकित करते हुए एसपी समेत अन्य उच्चाधिकारियों को आप बीती सुनाई और न्याय की गुहार लगाई है।
ईएल अवशेष होने के बाद भी नहीं दिया गया अवकाश
उधर सिकंदरपुर थाने में तैनात कुछ सिपाहियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदीप का ईएल काफी अवशेष है, फिर भी उसे अस्वीकार करना समझ से परे है। सीओ आशीष मिश्र ने कहा कि आरक्षी द्वारा छुट्टी के लिए कोई भी लिखित प्रपत्र थाने पर नहीं दिया गया है। लेकिन एक्स के पोस्ट के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।