छात्रों में बढ़ रहा है सोशल लर्निंग का क्रेज

वाराणसी (रणभेरी सं.)। इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके किसी विषय की जानकारी प्राप्त करने को ही ई-लर्निंग यानी आॅनलाइन लर्निंग कहा जाता है। पिछले कुछ वर्षों में आॅनलाइन लर्निंग युवाओं के बीच तेजी से मशहूर हुई है। आज के युवा इंटरनेट की मदद से न सिर्फ विभिन्न विषयों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि आॅनलाइन लर्निंग के विभिन्न पैटर्न को अपनाकर जब चाहें, जहां चाहें शिक्षा की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। सीखने-सिखाने के इस नये तरीके के प्रति युवाओं में बढ़ते क्रेज को देखते हुए अब स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा ई-लर्निंग को बढ़ावा दिया जाने लगा है। बीएचयू के छात्रों की 10 साल में ई-लर्निंग आधारित पढ़ाई को लेकर चार गुना ज्यादा जागरूकता और रुचि बढ़ गई है। 2014 में सिर्फ 20 फीसदी छात्र ही ई-लर्निंग के प्रति जागरूक थे, जबकि 2024 में ये आंकड़ा 80 प्रतिशत को पार कर गया है। 15 प्रतिशत छात्रों में उच्चस्तरीय जागरूकता देखी गई। कृषि विज्ञान संस्थान के सीनियर प्रोफेसर, पीजी और रिसर्च स्कॉलर्स की ओर से कराए गए सर्वे में इसका पता चला है। 2013 और 2024 में दोनों सर्वे अलग-अलग रिसर्चरों की ओर से किए गए। इनके रिसर्च पेपर आइडियाज और इंडियन जर्नल आॅफ एक्सटेंशन एजुकेशन जर्नल में भी प्रकाशित किए गए हैं। 2014 तक घर पर होने वाली सेल्फ स्टडी ही अब ई-लर्निंग के तौर पर हाउस क्लासरूम के रूप में तब्दील हो गई है। इंटरनेट के स्टडी मटेरियल की इतनी भरमार हो गई है कि प्रिंटेड फॉर्म में किताबों को पढ़ने का चलन कम हो रहा है। क्लासरूम के बजाय घर या हॉस्टल में मोबाइल से पढ़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें से कई जो बेहतर कर रहे हैं, उन्हें अच्छे नंबर्स भी मिल रहे हैं। 70 प्रतिशत छात्र नहीं जानते थे
मोबाइल बन गया है लर्निंग टूल
आज हर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन प्रतिस्पर्धी दुनिया में स्किल डेवलपमेंट का सबसे बड़ा जरिया बन चुका है। मोबाइल एप आधारित ई-लर्निंग ने जिस बदलाव की शुरूआत की है, उसका फायदा न केवल व्यक्तिगत स्तर पर हो रहा है, बल्कि तमाम संस्थान, बिजनेस और शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं इससे अपने तौर-तरीकों को बेहद प्रभावी ढंग बदल रही हैं। यह अन्य तकनीकों के मुकाबले कहीं ज्यादा यूजर फ्रैंडली है। कॉरपोरेट लर्निंग में मोबाइल एप की अहमियत कई गुना ज्यादा बढ़ चुकी है। मोबाइल लर्नर एप के माध्यम से कभी भी, कहीं भी कंटेंट एक्सेस किया जा सकता है।
प्रैक्टिकल जानकारी देती है वीडियो लर्निंग
इन दिनों इंटरनेट पर वीडियो की भरमार है। वीडियो के माध्यम से किसी कठिन जानकारी को भी आसानी से समझा व सीखा जा सकता है। वीडियो नयी चीजों के बारे में जानने का बेहतरीन जरिया है। खासतौर से छात्रों में वीडियो लर्निंग इसलिए लोकप्रिय है, क्योंकि इसके जरिये उन्हें देश ही नहीं विदेशों में पढ़ाई के चलन की जानकारी प्राप्त करने का मौका मिलता है। इसके कंटेंट को समझना छात्रों के लिए आसान होता है। ओपेन एजुकेशन रिसोर्सेज (ओईआर) को टीचिंग और लर्निंग के मकसद से विकसित किया जाता है और मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है। यह डिजिटलाइज्ड सामग्री ओपन डेवलपमेंट की सुविधा देती है। ओईआर में विशेष एजुकेशन कोर्स और विषय, डिजिटलाइज्ड टेक्स्टबुक, वीडियो और अन्य सामग्री शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल पढ़ाई के लिए किया जा सकता है।
टैबलेट से पढ़ाई हुई आसान
ई-शिक्षा के प्रति छात्रों में बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए आज कई संस्थान भी छात्रों को टैबलेट का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि वे ई-टेक्स्टबुक्स व ई-कंटेंट को आसानी से हासिल कर सकें. कई संस्थान अपने टैबलेट के जरिये छात्रों को डिजिटल लाइब्रेरी वीडियो ट्यूटोरियल उपलब्ध करा रहे हैं।