मदनी के बयान पर भड़के स्वामी जितेंद्रानन्द, बोले-इन्हें इतिहास पढ़ने की जरूरत
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में अभी तक श्रीरामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के अनर्गल बयान का आक्रोश था। लेकिन अब मौलाना मदनी ने विवादित बयान दे दिया। जिसके बाद काशी के संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। जिस पर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने मौलाना मदनी द्वारा सनानत धर्म की प्राचीनता पर दिए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मौलाना मदनी के बयान के बाद लगता है कि उन्हें इतिहास सही से नहीं पढ़ाया गया है।
दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे जमीयत- उलमा- ए-हिंद के 34 वें अधिवेशन में संस्था के अध्यक्ष मौलाना मसूद मदनी ने इस्लाम को सबसे पुराना धर्म बताया है। जिसको लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में तमाम धर्मगुरु संत समाज इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में काशी में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ने कहा कि टर्की और सीरिया में आए भूकंप में 3000 वर्ष पुराने मंदिर मिले हैं। चीन के अंदर भी 5000 वर्ष पुराने मंदिर मिले हैं। गुजरात में 5000 वर्ष पुराना मंदिर है. मैं मदनी को चैलेंज देता हूं कि वह मुस्लिमों से जुड़ा 1000 वर्ष पुराना कोई आर्किटेक्ट उपलब्ध करा दें, इसके बाद बहस करें। अन्यथा देश की जनता को गुमराह करना बंद करें