DM का अकाउंट सीज होने से 800 लोगों का रुका वेतन, ये है पूरा मामला
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी डीएम का ट्रेजरी कोड-2029 सीज कर दिया गया है। इससे तीनों तहसील राजातालाब, पिंडरा और सदर तहसील के लगभग 800 कर्मचारियों का वेतन और एरियर फिलहाल रुक गया है। ये रोक भूमि अर्जन प्राधिकरण के जज ने लगाई है।
बरेका के भूमि अर्जन मामले में मुआवजे का केस चल रहा है। भूमि स्वामी कई वर्षों तक कलेक्टर से लेकर भूमि अर्जन अधिकारी के दफ्तर में चक्कर लगाकर परेशान हो चुका था। इसपर फरियादी ने भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण के पीठासीन अधिकारी के समक्ष अपील दायर कर दी। इस पर प्राधिकरण ने जिला प्रशासन को तत्काल भूमि स्वामी का 10,70,026 रुपए बढ़े हुए मुआवजे के साथ अदा करने का आदेश जारी कर दिया। मगर जिला प्रशासन की ओर से जज के आदेशों की अनदेखी कर दी गई। ये जान प्राधिकरण के पीठासीन अधिकारी किरण पाल सिंह ने जिलाधिकारी का सिविल हेड खाता संख्या 2029 सीज कर दिया।
1986 में बरेका में जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण किया था। इस दौरान कई काश्तकारों ने उचित मुआवजा न मिलने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। काश्तकार पुरुषोत्तम ने कलेक्ट्रेट से लेकर तहसील के कई चक्कर लगाए। कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद भूमि अर्जन पुनर्वास व पुनव्यवस्थापन प्राधिकरण के यहां अपील दायर की थी।
प्राधिकरण के पीठासीन अधिकारी ने भूमि स्वामी के याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी तथ्यों की जांच की। प्राधिकरण ने ताज की भूमि स्वामी को उचित मुआवजा नहीं मिला है। पीठासीन अधिकारी किरण पाल सिंह ने जिला प्रशासन को आदेश दिया कि वह भूमि स्वामी को 10 लाख 70 हजार 26 रुपए बतौर मुआवजा अदा करें। आदेश जारी होने के बाद भी जब पीड़ित को मुआवजा नहीं मिला प्राधिकरण के पीठासीन अधिकारी ने जिलाधिकारी के ट्रेजरी कोड-2029 से धनराशि निकालने पर रोक लगा दी। इसी ट्रेजरी कोड से तहसील के कर्मचारियों का वेतन दिया जाता है। मधु में होने वाले वह भी इस खाते से संचालित होते हैं।