काव्य-रचना

काव्य-रचना

   काशी ही अविनाशी है    

तीन लोक से प्यारी काशी
युगों युगों से न्यारी काशी
जग भर में उजियारी काशी
हम सब की कल्याणी काशी
काशी ही अविनाशी है।

विश्वनाथ का धाम है काशी
गंगा का स्थान है काशी
बुद्ध देव का ज्ञान है काशी
बी. एच. यू. सा नाम है काशी
काशी ही अविनाशी है।

कबीर का जन्मस्थान है काशी
कीनाराम का धाम है काशी
घाटों के लिए सरनाम है काशी
मोक्ष का भी नाम है काशी
काशी ही अविनाशी है।

सत्यम कुमार मिश्र