काव्य-रचना

काव्य-रचना

    वह मां है जो मां का फर्ज निभाती है   

   मातृ दिवस के बारे में उस मां को क्या बताएं
 जिसका ना कोई उसका सोशल मीडिया एकाउंट है
         ना वह फेसबुक व्हाट्सएप चलाती है       
     फिर भी वह हर रिश्ते को बेखुबी निभाती है   
        वह मां है जो मां का फर्ज निभाती है,  

                  अपने शौक को खत्म कर          
                हमारे हर शौक को पूरी करती है   
           ना जाने कितने व्रत कितने मन्नते रखती है  
           उसका बच्चा  स्वस्थ रहे यही भगवान से प्रार्थना करती हैँ 
              वह मां है जो मां का फर्ज निभाती है,

 मातृ दिवस का शुभकामनायें देने का कोई मतलब नहीं है
            अगर मां-बाप से कोई लगाव नहीं है 
            मां बाप के बिना कोई त्यौहार नहीं हैँ
                        उनसे जाकर पूछो                  
         जिनके घर में सब कुछ है बस माँ बाप नहीं

                 कितने खुशनसीब हैं वह लोग 
              जिनके मां  बाप तो सब कुछ हैँ
                पर उनसे कोई लगाव नहीं है
             माँ बाप कीमत उनसे जाकर पूछो
                    जिनके मां बाप नहीं है....  


महेश कुमार प्रजापति