मां के आभा मंडल से आठों पहर प्रभात, नगर में नहीं हुई रात 

मां के आभा मंडल से आठों पहर प्रभात, नगर में नहीं हुई रात 
मां के आभा मंडल से आठों पहर प्रभात, नगर में नहीं हुई रात 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी के सड़कों पर इन दोनों बंगाल जैसा झलक देखने को मिल रहा है। शहर से लेकर गांव तक मां दुर्गा के जयकारों से पूजा पंडाल गूंज रहे। पंडालों में प्रतिमाओं के पट खुलते ही दूसरे दिन काशी उत्सव में डूब गई। आज भी काशी अनवरत रात जागेगी। वाराणसी में केदारनाथ का धाम, प्रेम मंदिर, शीशमहल, स्वर्वेद मंदिर सहित सैकड़ों थीम पर बने पंडाल भक्तों को काफी आकर्षित कर रहे है। काशी में गुरुवार की रात पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम रही। कहीं पर देवी पाठ तो कहीं पर देवी गीत गूंजते रहे। जिले के 648 पंडालों में कलश पूजन के बाद मां के दर्शन आरंभ हो गए। दुर्गा पूजा के भव्य आयोजन को देखते हुए जगह-जगह पुलिस प्रशासन भी अलर्ट देखी। ड्रोन कैमरे से पंडालों की निगरानी की जा रही है। वही संवेदनशील क्षेत्रों में सादे वर्दी में पुलिसकर्मी घूमते दिखाई दे रहे हैं।

सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडालों का आकर्षण देश के अलग-अलग हिस्सों के उत्सव प्रेमियों को काशी खींच ले आयी है। उनके बीच ग्रामीण बनारस का लोकसमाज भी झूमते-उमगते शहर की ओर जाता, पूजा पंडालों की ओर बढ़ता, पंडालों की ठसाठस में सौ-सौ धक्के खाते हुए 'दुर्गा मइया' की जयकारे लगाता आह्लादित हो रहा है। क्या पांडेयपुर-भोजूबीर, शिवपुर और पहड़िया, क्या मंडुवाडीह, सिगरा, मलदहिया, कतुआपुरा और मछोदरी, क्या जैतपुरा-जंगमबाड़ी, कालीबाड़ी और सोनारपुरा-सभी जगह एक ही उमड़ता भाव 'जग से नियारो राउर अंचरा के छांव माई, खोलब दुआर आई भगता छहांव माई'। किसी की भवानी, दुर्गा किसी की अन्नपूर्णा तो किसी की भगवती-कुछ भी पुकारें और लगाएं जयकारे पर उनके आंचल की छांव तो एक समान ममता की शीतलता दे रही है। इसलिए हर सड़क पर रात का अंधियारा, खुशियों की रोशनी के आगे छिपता और हरओर से रेला उमड़ता दिखने लगा। खास यह कि रात जैसे-जैसे गहराती जा रही थी काशी की सड़कों पर कोलाहल बढ़ता जा रहा था।

 पूजा पंडालों की आकृतियां, सजावट और भगवती के दर्शन के लिए लोगबाग एक से दू से दूसरे पंडालों का रुख करते रहे। विशेष यह कि कमोवेश हर पंडाल के आसपास अस्थाई दुकानें भी सजी रहीं। बच्चे खिलौनों पर रीझ रहे थे तो महिलाएं घर उपयोग की वस्तुओं और सौंदर्य सामग्रियों की ओर आकर्षित दिखीं। दुर्गाचरण इंटर कॉलेज परिसर में वाराणसी यूथ क्लब के पूजा पंडाल में ग्रामीण परिवेश में देवी विराजमान हैं तो नई सड़क स्थित सनातन धर्म इंटर कॉलेज में जयपुर के शीश महल में देवी को प्रतिष्ठित कराया गया है। रेशम कटरा के पूजा पंडाल में प्रवेश द्वार पर आदियोगी की आकृति आकर्षण का केंद्र है। सुड़िया स्थित एसबी दुर्गोत्सव समिति में वैष्णो देवी की झांकी के दर्शन हो रहे हैं। शिवपुर मिनी स्टेडियम में बने पूजा पंडाल को वृंदावन के प्रेम मंदिर का स्वरूप दिया गया है। हथुआ मार्केट के पूजा पंडाल में उमरहां का स्वर्वेद मंदिर आकर्षण का केंद्र है। नई सड़क स्थित गीता मंदिर के पूजा पंडाल में साबूदाना और मेवों से दुर्गा प्रतिमा को आकार दिया गया है। पान दरीबा में चौरसिया समाज दुर्गा पूजा समिति के पंडाल में द्वारका की थीम पर देवी की प्रतिमा जल में डुबा कर रखी गई है। देवी प्रतिमा जल में दिखाई दे इसके लिए शीशे के विशाल जार का उपयोग किया गया है।


पान दरीबा


 गोल्डेन स्पोर्टिंग क्लब

चौक