सामूहिक विवाह में अब फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे जोड़े:बिना वेरिफिकेशन नहीं मिलेंगे 51 हजार रूपए
गोरखपुर । मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बलिया से लेकर महराजगंज में फजीर्वाड़े को देखते हुए समाज कल्याण विभाग सख्त हो गया है। अब रजिस्ट्रेशन करने वाले जोड़ों के पास आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी है। इसी नंबर पर ओटीपी के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन करने वाले जोड़ों के पड़ोसियों को भी शादी का गवाह बनाया जाएगा। विभाग की इस सख्ती से अधिकारियों के सामने टारगेट पूरा करने का संकट खड़ा हो गया है। गोरखपुर में अभी तक सिर्फ 1000 जोड़ों ने आवेदन किया है। जबकि शासन की तरफ से 3300 जोड़ों के शादियों को टारगेट मिला हुआ है।
पड़ोसियों से पूछने के बाद होगा रजिस्ट्रेशन
अभी तक ग्राम विकास अधिकारी की संस्तुति के साथ ही जोड़ों का आवेदन मंजूर हो जाता था। लेकिन अब जोड़ों के पड़ोस के 6 लोगों से भी शादी को लेकर पूछताछ की जाएगी। गोरखपुर में वर्तमान में करीब 1000 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कर रखा है। विभाग 20 जुलाई के बाद इनके वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को शुरू करेगा। ग्राम विकास अधिकारी आवेदक घर जाकर वेरीफाई करेंगे। इसके साथ ही पड़ोसियों से भी पूछताछ करेंगे कि रजिस्ट्रेशन करने वालों ने शादी करने के बाद तो आवेदन नहीं कर दिया है। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही जोड़ों को सामूहिक विवाह योजना का लाभ मिलेगा। सामूहिक विवाह योजना में अब आवेदन करने वाले लड़का और लड़की के पास आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी है। आवेदन के समय मोबाइल पर आएगा जिसके बाद ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। सात फेरे लेने वाले जोड़े सही है, इसकी पुष्टि के लिए समाज कल्याण विभाग ने लखनऊ में एक कमांड कार्यालय भी बनाया है।
एक शादी पर खर्च होते हैं 51 हजार रुपए
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक शादी पर 51 हजार खर्च होते हैं। इनमें से 35 हजार की राशि दुल्हन के खाते में भेजी जाती है। 10 हजार उपहार और 6 हजार अन्य खर्च के मद में होता है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक समाज कल्याण विभाग मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गोरखपुर जिले में 8600 से अधिक शादियां हो चुकी हैं। समाज कल्याण अधिकारी विशिष्ट नारायण सिंह का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष में 3300 जोड़ों के शादी का टारगेट है। लगन का सीजन खत्म होने के बाद रजिस्ट्रेशन करने वाले 1000 जोड़ों का वेरिफिकेशन कर शादी की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बलिया से लेकर महराजगंज में फजीर्वाड़े को देखते हुए समाज कल्याण विभाग सख्त हो गया है। अब रजिस्ट्रेशन करने वाले जोड़ों के पास आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी है। इसी नंबर पर ओटीपी के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन करने वाले जोड़ों के पड़ोसियों को भी शादी का गवाह बनाया जाएगा
विभाग की इस सख्ती से अधिकारियों के सामने टारगेट पूरा करने का संकट खड़ा हो गया है। गोरखपुर में अभी तक सिर्फ 1000 जोड़ों ने आवेदन किया है। जबकि शासन की तरफ से 3300 जोड़ों के शादियों को टारगेट मिला हुआ है।