मणिपुर: भूस्खलन में धंसा आर्मी कैंप: 7 की मौत, 45 लापता, बाकी की तलाश जारी
(रणभेरी): पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कई दिनों से लगातार भारी बारिश की वजह से बुधवार रात भूस्खलन की चपेट में आने से आम लोगों के साथ 107 टेरिटोरियल आर्मी के कई जवान इसकी चपेट में आ गए। यह घटना तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुई है। घटना के तुरंत बाद प्रशासन और सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। अब तक सात लोगों के शव बरामद किए गए हैं जबकि 45 से अधिक लोग मलबे में दबे हैं। रेलवे के अनुसार अब तक 19 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। वहीं बड़े पैमाने पर मलबे गिरने के कारण इजेई नदी अवरुद्ध हो गई है, जिससे एक जलाशय बन गया है जो निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है। वहीं मलबे के अंदर से करीब 13 लोगों को रेस्क्यू किया गया।
जानकारी के मुताबिक जिरीबाम को इंफाल से जोड़ने के लिए एक रेलवे लाइन का निर्माण हो रहा है। उसी की सुरक्षा के लिए 107 टेरिटोरियल आर्मी के जवानों को तैनात किया गया था। बुधवार रात को वहां पर भारी भूस्खलन हुआ। इसके बाद गुरुवार सुबह सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस की ओर से बड़े पैमान पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। जिसमें साइट पर उपलब्ध इंजीनियरिंग उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है।
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक घटना के बाद से करीब 45 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश के लिए अभियान जारी है। इसमें हेलीकॉप्टर्स की भी मदद ली जा रही है, लेकिन खराब मौसम की वजह से लगातार रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ घायलों को कैंप के पास से निकालकर नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में भर्ती करवाया गया है, जबकि गंभीर घायलों को इंफाल भेजा जा रहा।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि मणिपुर में भूस्खलन की घटना के बाद सीएम एन. बीरेन सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है। एनडीआरएफ की टीम भी इसमें शामिल हो गई है।