Mahakumbh: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी पर हमला, आशीर्वाद लेने के बहाने रुकवाई कार मारे चाकू

Mahakumbh: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी पर हमला, आशीर्वाद लेने के बहाने रुकवाई कार मारे चाकू

प्रयागराज (रणभेरी): महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरि उर्फ छोटी मां पर गुरुवार रात 5 -6 हमलावरों ने जानलेवा हमला कर दिया है। इस हमले में उनके तीन शिष्य भी घायल हो गए। घटना के बाद सभी को तुरंत महाकुंभ के सेंट्रल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना उस समय हुई जब कल्याणी नंद गिरी अपनी कार से अखाड़े के शिविर लौट रही थीं। रास्ते में कुछ लोग आशीर्वाद लेने के बहाने उनके वाहन के पास पहुंचे और गाड़ी रुकवाकर उन पर चाकू से हमला कर दिया। उनके बचाव में आए शिष्यों पर भी हमला किया गया, जिससे वे घायल हो गए।

महामंडलेश्वर वैष्णवी नंद गिरि ने बताया कि मैं अपने शिविर जा रही थी। रात 10 बजे सेक्टर-16 के पास पहुंचती थी, तभी 5-6 लोगों ने आशीर्वाद लेने के बहाने कार रुकवाई। मैं जैसे ही कार से उतरी बदमाशों ने चाकू से हमला कर दिया। बीच-बचाव कर रहीं 3 शिष्याओं पर भी हमला कर दिया। मार-पीट करने के बाद हमलावरों ने गहने भी लूट लिए और फरार हो गए। आसपास के लोगों ने हमें अस्पताल में भर्ती कराया। महामंडलेश्वर पर जानलेवा हमले की खबर मिलते ही भारी संख्या में किन्नर अखाड़े की शिष्याएं अस्पताल पहुंच गईं। हमले के खिलाफ विरोध जताया।

DIG वैभव कृष्ण ने बताया- पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस आरोपियों की पहचान करने और घटना के पीछे की साजिश का पता लगाने में जुटी है। 8 फरवरी को परी अखाड़े की जगदगुरु हिमांगी सखी ने कल्याणी नंद गिरी समेत आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और कौशल्या नंद गिरी पर मारने-पीटने का आरोप लगाया था। हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।

हिमांगी सखी ने बताया था- लक्ष्मी नारायण अपने साथ 50-60 लोगों को लेकर आई थीं, जिनके पास त्रिशूल, फरसा जैसे हथियार थे। हालांकि, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मारपीट करने के आरोपों को गलत बताया है।

इस हमले में उनके तीन शिष्य भी घायल हो गए। घटना के बाद सभी को तुरंत महाकुंभ के सेंट्रल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना उस समय हुई जब कल्याणी नंद गिरी अपनी कार से अखाड़े के शिविर लौट रही थीं। रास्ते में कुछ लोग आशीर्वाद लेने के बहाने उनके वाहन के पास पहुंचे और गाड़ी रुकवाकर उन पर चाकू से हमला कर दिया। उनके बचाव में आए शिष्यों पर भी हमला किया गया, जिससे वे घायल हो गए।