शंघाई कॉरपोरेशन में काशी बनेगी सांस्कृतिक राजधानी
                                                                                    वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी जिले के लिए बड़ी खबर है कि शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन-एससीओ) में भारत की ओर से भारत की तरफ से काशी एक साल के लिए सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी बनेगी। इसके लिए सभी विभागों के साथ बातचीत कर बनारस का डोजियर तैयार किया जाएगा। इसमें साल भर तक होने वाले आयोजन, प्रमुख स्थल, खानपान सहित अन्य चीजों को मुख्य रूप से बताया जाएगा। चूंकि स्मार्ट सिटी इस पूरे अभियान की नोडल एजेंसी होगी। हालांकि इन सब की पूरी तैयारियों के लिए वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में सभी विभागों की एक साथ बैठक हुई. इस बैठक में शंघाई सहयोग संगठन की ओर से हर साल एक देश के एक शहर को सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी बनाए जाने का प्रावधान है।
सितंबर 2022 से सितंबर 2023 तक के लिए भारत को इसके लिए चुना गया है। इसमें संगठन से जुड़े देशों के पर्यटक यहां आएंगे और यहां की संस्कृति के बारे में जानेंगे। वहीं, मंडलायुक्त सभागार में हुई बैठक में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी को सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित कराने के लिए स्मार्ट सिटी डोजियर तैयार करेगी। इसके लिए हर विभाग को स्मार्ट सिटी के साथ जानकारी को बांटना होगा।
पर्यटन विभाग की ओर से काशी के पर्यटन स्थलों की जानकारी शेयर करनी है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उनके पास पर्यटन से संबंधित मुकम्मल जानकारी है। काशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों के अलावा पंचक्रोशी परिक्रमा, पावन पथ के मंदिरों की जानकारी और महत्वपूर्ण फोटो जल्दी ही स्मार्ट सिटी को उपलब्ध करा देगा। इसी तरह संस्कृति और हैंडीक्राफ्ट विभाग भी स्मार्ट सिटी को वर्ष भर के आयोजन और प्रमुख हैंडीक्राफ्ट की जानकारी उपलब्ध कराएगा। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि र्यटन और सांस्कृतिक राजधानी घोषित होने पर यहां न सिर्फ पर्यटन बल्कि संस्कृति विकास के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
एससीओ 8 देशों का आर्थिक राजनीतिक गठबंधन
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा गठबंधन है। इसमें चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उजबेकिस्तान सहित 8 देश शामिल हैं। 9 जून 2017 को भारत और पाकिस्तान ने इसकी सदस्यता ली। आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय शांति के लिए एससीओ के सदस्य देश काम करते हैं। जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन और सबसे बड़ा उपभोक्ताओं वाला बाजार भी है।
                





                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                
                
                
                
                
                
                

                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    


